न्याय की यह लड़ाई अधूरी क्यों? शिवपाल यादव ने रामगोपाल यादव पर बोला हमला

लखनऊ

उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों की ओर से सरकार पर राजनीति के तहत कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई किए जाने का मामला उठाया जा रहा है। इस मसले को लेकर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टीके राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने मुख्यमंत्री आवास पहुंचकर सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। एटा में कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न का मामला उठाया। इस मुलाकात पर मंगलवार को दिन भर राजनीति गरमाई रही। सपा सरकार के खिलाफ हमलावर रही। वहीं, भाजपा ने माफिया और गुंडों पर कार्रवाई जारी रहने की बात कही, चाहे वह सपा कार्यकर्ता ही क्यों न हो। मामला शाम होते-होते भड़का और इसमें प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और सपा विधायक शिवपाल यादव भी कूद पड़े। उन्होंने रामगोपाल यादव के न्याय की लड़ाई की टाइमिंग पर सवाल खड़ा कर दिया है।

शिवपाल यादव ने सवालिया लहजे में प्रो. रामगोपाल यादव पर हमला बोला है। उन्होंने सवाल किया कि न्याय की यह लड़ाई अधूरी क्यों है? समाजवादी पार्टी विधायक आजम खान, नाहिद हसन, शहजिल इस्लाम का जिक्र करते हुए शिवपाल यादव ने करारा हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आजम खान साहब, नाहिद हसन, शहजिल इस्लाम… और अन्य कार्यकर्ताओं के लिए क्यों नहीं? सपा की न्याय की लड़ाई पर शिवपाल ने करारा तंज कसा है। शिवपाल यादव पर पिछले दिनों सपा की ओर से पत्र जारी कर हमला किया गया था। उन्हें जहां अधिक महत्व मिल रहा, वहां जाने की सलाह दे दी गई थी। बाद में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें अपनी पार्टी को मजबूत करने की सलाह दे दी। शिवपाल यादव ने रामगोपाल यादव की सीएम योगी आदित्यनाथ को दी गई चिट्‌ठी को सार्वजनिक कर दिया है।

रामगोपाल यादव की चिट्‌ठी में क्या है?
प्रो. रामगोपाल यादव ने मुख्यमंत्री को दी गई चिट्‌ठी में पूर्व विधायक रामेश्वर सिंह यादव और उनके परिवार का उत्पीड़न रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि रामेश्वर यादव यूपी के एटा के अलीगंज विधानसभा से 1996, 2002 और 2012 में विधायक रहे हैं। उनके छोटे भाई जोगेंद्र सिंह दो बार जिला पंचायत एटा के अध्यक्ष रहे हैं। इस जोगेंद्र सिंह की पत्नी रेखा यादव एटा जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। वर्ष 2007 में मायावती शासन के समय तत्कालीन मंत्री अवध पाल सिंह यादव का बेटा जोगेंद्र सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रहा था। उसके खिलाफ तब 40 झूठे केस और गैंगस्टर एक्ट के तहत परिवार के सभी सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। हाई कोर्ट के आदेश के उन्हें खत्म किया गया।

वर्ष 2018 में रामेश्वर यादव और उनके परिजनों के खिलाफ स्थानीय राजनैतिक विरोध में दो केस किए गए। कोर्ट में यह विचाराधीन है। 2021 में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव जब रेखा यादव लड़ रही थी तो रामेश्वर यादव और जोगेंद्र सिंह के खिलाफ तीन और केस किए गए। इन मामलों में उनका शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और फॉर्म हाउस पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। इलाहाबाद हाइकोर्ट ने तीन में से दो केस में स्टे दिया गया है। एक में जमानत दे दी गई। उन्होंने दावा किया है कि रामेश्वर यादव और उनके परिजनों के खिलाफ झूठे केस किए गए।

रामगोपाल यादव ने इस मामले में कहा कि दो केस तो उस दिन हुए, जिस दिन उनकी मां की मृत्यु हुई थी और तेरहवीं थी। क्या कोई आदमी ऐसे समय में 60 किलोमीटर दूर जाकर वारदात को अंजाम दे सकता है? सपा महासचिव ने कहा कि पूर्व विधायक के सभी जमीन-जायदाद, मकान कुर्क कर लिए गए। बच्चों के रहने के लिए भी जगह नहीं है। डिग्री कॉलेज और इंटर कॉलेज को भी सीज कर दिया गया। यहां पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य अंधकारमय है। विरोधी सक्रिय हैं। ऐसे में उनकी जान का खतरा है। ऐसे में पूर्व विधायक और परिजनों पर लगे आरोपों की निष्पक्ष जांच कराएं।

शिवपाल ने अब साधा निशाना
प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अब रामगोपाल यादव की चिट्‌ठी को जारी कर करारा निशाना साधा है। उनके हमले में उन विधायकों का जिक्र है, जिनके खिलाफ इसी प्रकार की कार्रवाई हुई। नाहिद हसन, शहजिल इस्लाम के खिलाफ कड़ा ऐक्शन हुआ है। शहजिल इस्लाम के ठिकानों पर बुलडोजर भी चला। आजम खान तो 27 माह बाद जेल से बाहर निकल पाए। अब इन मामलों को लेकर शिवपाल ने अपने पक्ष में माहौल बनाना शुरू किया है। अल्पसंख्यक विधायकों के प्रति इस प्रकार से मामला न उठाए जाने पर उन्होंने पार्टी को घेर लिया है। अब इस पर राजनीति गहरानी तय है।

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