नई दिल्ली
मुफ्त को रेवड़ियों पर बहस तेज हो गई है। फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मुफ्त में सौगात की चर्चा को ‘अनुचित मोड़’ दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हेल्थ और एजुकेशन को कभी भी रेवड़ी नहीं समझा गया। किसी भी सरकार ने कभी भी हेल्थ और एजुकेशन से लोगों को वंचित नहीं रखा। सीतारमन ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य को रेवड़ी बताकर केजरीवाल गरीबों के दिलोदिमाग में भय पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर स्वस्थ बहस होनी चाहिए। वह मुफ्त की सौगात पर केजरीवाल द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दे रही थीं।
इससे पहले बीजेपी ने भी केजरीवाल की आलोचना करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी (AAP) जिस तरह के रेवड़ी संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं उसका फोकस काम से ज्यादा प्रचार पर है। बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अरविंद केजरीवाल का मुफ्त शिक्षा का मॉडल खोखला है। केजरीवाल का मंत्र है विज्ञापन पर जोर, व्यवस्था में कमजोर। केजरीवाल के रेवड़ी मॉडल का मतलब है कि 500 स्कूलों और 20 कॉलेज का वादा किया गया था लेकिन इनमें से कोई भी नहीं बना। हम इस तरह के रेवड़ी कल्चर के खिलाफ हैं।
लोन राइट-ऑफ्स को रेवड़ियां बताना गलत
एक सरकारी सूत्र ने बताया कि केजरीवाल जानबूझकर इस मामले में गलत दलील दे रहे हैं। सूत्र ने कहा, ‘कोई भी नहीं कर रहा है कि गरीबों के लिए मुफ्त लाभ गलत है। लेकिन लोन राइट-ऑफ्स को रेवड़ियां बताना गलत है। यह कहना भी गलत है कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करके कंपनियों को फायदा दिया गया। केंद्र में यह पहली सरकार है जो गरीबों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सब्सिडी के तौर पर दिए जाने वाले राशन के अतिरिक्त मुफ्त राशन दे रही है।’