BJP : तेलंगाना में बीजेपी विधायक टी राजा सिंह ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है. हैदराबाद की गोशामहल सीट से विधायक टी राजा सिंह अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने नेतृत्व विवाद के बीच बीजेपी से इस्तीफ़ा दिया है.
इंस्टाग्राम पर अपना इस्तीफ़ा पत्र साझा करते हुए राजा सिंह ने लिखा, बहुत से लोगों की चुप्पी को सहमति न समझा जाए. मैं सिर्फ़ अपने लिए नहीं, बल्कि उन अनगिनत कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के लिए बोल रहा हूँ जो विश्वास के साथ हमारे साथ खड़े थे और जो आज ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
नए अध्यक्ष के चुनाव पर नाराज़गी रामचंद्र राव का नाम लगभग तय
तेलंगाना बीजेपी के नए अध्यक्ष के रूप में पूर्व MLC रामचंद्र राव का नाम लगभग तय माना जा रहा है. उन्होंने सोमवार दोपहर अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाख़िल किया. राव के ख़िलाफ़ कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं है, इसलिए उनके बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुने जाने की संभावना है.
इसके बाद, राजा सिंह ने बीजेपी से अपने इस्तीफ़े का ऐलान किया और तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष जी किशन रेड्डी को संबोधित एक पत्र में कहा कि उन्होंने यह पत्र भारी मन और गहरी चिंता के साथ लिखा है.
बताया जा रहा है कि टी राजा सिंह तेलंगाना बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नज़रअंदाज़ किए जाने से नाराज़ थे. इस्तीफ़ा पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि पार्टी के कुछ गुटों ने उनके समर्थकों को धमकाया और आंतरिक नेतृत्व चयन प्रक्रिया के दौरान उन्हें नामांकन दाख़िल करने से रोका.
राजा सिंह की केंद्रीय नेतृत्व से नाराज़गी और चेतावनी
राजा सिंह ने इस मुद्दे पर बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी पर भी निराशा व्यक्त की. उन्होंने चेतावनी दी कि ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की अनदेखी से पार्टी को भारी नुक़सान होगा.
राजा सिंह ने कहा, यह फ़ैसला सिर्फ़ मेरे लिए नहीं, बल्कि उन लाखों कार्यकर्ताओं, नेताओं और मतदाताओं के लिए एक झटका और निराशा है जो हर उतार-चढ़ाव में पार्टी के साथ खड़े रहे हैं. ऐसे समय में जब बीजेपी तेलंगाना में अपनी पहली सरकार बनाने की दहलीज़ पर है, इस तरह का चुनाव हमारी दिशा पर गंभीर संदेह पैदा करता है.
केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह किया गया
उन्होंने आगे कहा कि राज्य में कई सक्षम वरिष्ठ नेता, विधायक और सांसद हैं जिन्होंने बीजेपी को मज़बूत करने के लिए अथक परिश्रम किया है और जिनमें पार्टी को आगे ले जाने की ताक़त, विश्वसनीयता और संपर्क हैं. दुर्भाग्य से, ऐसा लगता है कि कुछ व्यक्तिगत स्वार्थ से प्रेरित व्यक्तियों ने केंद्रीय नेतृत्व को गुमराह किया है और परदे के पीछे से शो चलाकर फ़ैसले लिए हैं. यह सिर्फ़ ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के बलिदान को कमज़ोर नहीं करता, बल्कि पार्टी को अनावश्यक असफलताओं की ओर धकेलने का भी जोखिम उठाता है.
उन्होंने कहा, मैं एक समर्पित कार्यकर्ता रहा हूँ, लोगों के आशीर्वाद और पार्टी के समर्थन से लगातार तीन बार विधायक चुना गया हूँ. लेकिन आज मुझे अपने स्टैंड पर टिके रहना या यह दिखावा करना मुश्किल लग रहा है कि सब कुछ ठीक है. यह व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के बारे में नहीं है, यह पत्र लाखों वफ़ादार बीजेपी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के दर्द और निराशा को दर्शाता है जो ख़ुद को हाशिए पर और अनसुना महसूस कर रहे हैं.
यह भी पढ़िए: Gold Rate Today 30 June: सोने-चांदी की कीमतों में आई गिरावट आज फिर सस्ता हुआ सोना जानें आपके शहर का भा
बीजेपी को सत्ता में लाने का अच्छा मौक़ा था
उन्होंने कहा, हमारे पास तेलंगाना में बीजेपी को सत्ता में लाने का वर्षों में सबसे अच्छा मौक़ा था, लेकिन उम्मीद धीरे-धीरे निराशा और हताशा में बदल रही है, इसका कारण मेरे लोग नहीं, बल्कि शीर्ष पर रखा जा रहा नेतृत्व है. बड़े दुख के साथ मैंने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया है. मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष को सूचित करें कि टी. राजा सिंह अब तेलंगाना विधानसभा के सदस्य नहीं हैं.
उन्होंने अंत में लिखा, मैं अपने वरिष्ठ नेतृत्व – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अमित शाह और बीएल संतोष – से भी विनम्र अपील करता हूँ कि वे इस क़दम पर पुनर्विचार करें. तेलंगाना बीजेपी के लिए तैयार है, लेकिन हमें उस अवसर का सम्मान करने और उसे हाथ से फिसलने न देने के लिए सही नेतृत्व चुनना होगा.
डिस्क्लेमर: यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और टी राजा सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर साझा किए गए बयानों पर आधारित है. पार्टी और नेता की आधिकारिक प्रतिक्रिया अभी भी प्रतीक्षित है.