आसाराम पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, बढ़ती उम्र का तर्क देकर जमानत याचिका दायर

नई दिल्ली,

रेप के आरोप में जेल में बंद आसाराम बापू ने बढ़ती आयु और बीमारी को वजह बताकर रिहाई की मांग की है. उनकी तरफ से जमानत पर रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई है. उस अर्जी को देखते हुए कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत गुजरात सरकार से 7 सितंबर तक जवाब मांगा है.

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में आसाराम ने अपनी बिगड़ती सेहत और बीमारी का हवाला देते हुए बेहतर इलाज के लिए जमानत की गुहार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आसाराम ने कहा है कि उनके ऊपर जिस तरह गंभीर मामले को लेकर ट्रायल चल रहा है, ऐसे में उनको नहीं लगता कि ट्रायल उनके खिलाफ कभी खत्म होगा.

जमानत अर्जी में आसाराम ने यह भी कहा है कि वे पिछले 9 सालों से जेल में बंद हैं. उनकी उम्र 80 साल से ऊपर हो गई है. वे लगातार गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, लिहाजा सुप्रीम कोर्ट उनकी जमानत अर्जी पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर उन्हें जमानत पर रिहाई का आदेश जारी करे, ताकि वे बेहतर इलाज करा सकें. अब गुजरात सरकार सुप्रीम कोर्ट के इस नोटिस पर क्या जवाब देती है, इसी पर आसाराम की रिहाई निर्भर करती है. वैसे इससे पहले भी कई मौकों पर आसाराम की जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है. जिन गंभीर मामलों में वे फंसे हैं, उस वजह से पिछले कई सालों से उनकी जेल से बाहर आने की कोशिश विफल हो रही है.

आंकड़े बताते हैं कि कम से कम 15 बार आसाराम ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. लेकिन हर बार उनकी याचिका को खारिज किया गया है. लेकिन इस बार ये मामला सुप्रीम कोर्ट में है जिसने गुजरात सरकार को नोटिस दे दिया है. सात सितंबर तक जवाब मांगा गया है, उसी के आधार पर आगे की सुनवाई की जाएगी. जानकारी के लिए बता दें कि आसाराम पर गुरुकुल में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप है. ये मामला साल 2013 का है. उसी मामले में साल 2018 में आसाराम को दोषी माना गया और उन्हें उम्रकैद की सजा सुना दी गई.

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