नीतीश के लिए नो एंट्री का बोर्ड हटाने वाले लालू के बेटे तेज प्रताप का कैसा है सरकार में ‘रेकॉर्ड’

पटना

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने नीतीश कुमार के लिए लगाया नो एंट्री का बोर्ड क्या हटाया, सरकार ही बदल गई। अप्रैल में रमजान के दिनों में नीतीश कुमार पैदल चलकर राबड़ी आवास पर पहुंचे थे और इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे। इस पार्टी के बाद ही तेज प्रताप ने दावा किया था कि नो एंट्री का बोर्ड हटाया है तभी नीतीश कुमार यहां आए हैं। अब नीतीश कुमार यहां आ गए हैं तो सरकार भी बन जाएगा। इसके तीन महीने बाद बिहार में सरकार बदली और नीतीश कुमार ने राजद के सहयोग से आठवीं बार सीएम बने वहीं तेजस्वी यादव ने दूसरी बार डेप्युटी सीएम पद की शपथ ली। अब बिहार की नई सरकार में मंत्रालयों का बंटवारा होना है। इस बीच तेज प्रताप यादव मंत्रालय पाने के लिए एक्टिव हो गए हैं। तेज प्रताप इस बार भी पिछली महागठबंधन की सरकार में मिला मंत्रालय चाहते हैं। तेज प्रताप ने पहली महागठबधन सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय संभाला था। तेज प्रताप का कहना है कि उन्हें पहले वाला ही मंत्रालय सौंपा जाए। सूत्रों के मुताबिक, तेजप्रताप का कहना है कि पिछली सरकार में अधूरी रह गई योजनाओं को वो इस बार पूरा करना चाहते हैं।

अगर तेज प्रताप के पिछले कार्यकाल की बात करें तो सबसे ज्यादा उनकी चर्चा एंबुलेंस को लेकर रही थी। दरअसल महागठबंधन की पिछली सरकार में जब तेज प्रताप यादव स्वास्थ्य मंत्री थे, तब उनके आवास के बाहर एक एंबुलेंस चौबीसों घंटे खड़ी रहती थी। यह एंबुलेंस एक वेंटिलेटर, ईको-कार्डियोग्राम मशीन, डिफाइब्रिलेटर और कुछ चिकित्सा कर्मियों से लैस होती थी। एंबुलेंस पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आधिकारिक घर 10, सर्कुलर रोड के बाहर खड़ी रहती थी। तब तेज प्रताप अपने माता पिता के साथ यहां रहते थे।

तेजप्रताप ने नियमों के विरुद्ध घर के बाहर खड़ी करवाई थी एंबुलेंस
हालांकि जब इस एंबुलेंस को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा तो एंबुलेंस को हटा दिया गया। तेज प्रताप ने तब एंबुलेंस को घर के बाहर खड़ी रखने की वजह भी बताई। तेज प्रताप ने कहा था कि यह एंबुलेंस उनसे घर पर मिलने आने वाले लोगों की सेवा के लिए थी। अगर कोई मिलने आता है और उसकी तबीयत खराब होती है तो तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया जा सके। बता दें, नियमों के मुताबिक राज्यपाल और मुख्यमंत्री के घरों में ही एंबुलेंस की तैनाती हो सकती है। साथ ही सीएम-राज्यपाल के काफिले का हिस्सा हो सकती है।

तेज प्रताप के स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए यह कोई पहला मामला नहीं था। तेज प्रताप विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भी सवाल पूछने पर भड़क गए थे। दरअसल, विधानसभा में विधायक विजय कुमार ने तेज प्रताप यादव से सवाल करते हुए पूछा था कि मंत्री जी ये बताये की बिहार में कितनी जनसंख्या पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोला जाता है। इस पर तेजप्रताप भड़क गये थे और कहने लगे बीच में आप क्यों बोले?

विवाद बढ़ा तो बीजेपी के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव ने तेज प्रताप को लेकर एतराज जताया था। नंदकिशोर ने कहा कि महोदय इस तरह बोलने का अधिकार मंत्री को नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्री को हम बता देते हैं कि इनसे सवाल कोई भी पूछ सकता है। हालांकि तेज प्रताप सवाल का जवाब नहीं दे सके।

…पर अपने बड़े लाल को नाराज नहीं करना चाहेंगे लालू
ऐसे में तेज प्रताप यादव का बतौर मंत्री पिछला ट्रैक रिकॉर्ड कुछ खास अच्छा नहीं रहा है। लेकिन एक बात यह भी तय है कि लालू अपने बड़े लाल को नाराज नहीं करना चाहेंगे। यूं समझिए कि आरजेडी में मंत्रियों की जो लिस्ट फाइनल होगी, उसे तैयार कराने और मुहर लगाने का काम लालू ही करेंगे।

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