नई दिल्ली
ऑनली मच लाउडर, बबलफिश, मदर्सवियर…ना ना कोई अनुमान मत लगाइए, ये उन कंपनियों के नाम हैं जो दिल्ली के कथित शराब लाइसेंस घोटाले में सामने आ रहे हैं। जब से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर सीबीआई ने छापेमारी की है, सच-झूठ के दावे खूब हो रहे हैं। 31 स्थानों पर छापे, सिसोदिया के घर 15 घंटे तक छानबीन, कई चीजें जब्त की गईं। बाद में सीबीआई ने जो एफआईआर दर्ज की, उसमें सिसोदिया समेत कुल 15 लोगों के नाम हैं। इनमें से एक नाम कारोबारी विजय नायर का है और ऊपर जिन तीन कंपनियों का जिक्र किया गया है उनसे वह सीधे तौर पर जुड़े हैं। छापेमारी के बीच उनके विदेश में होने की खबर पता चलते ही कहा जाने लगा कि वह विदेश भाग गए हैं। हालांकि उन्होंने सफाई में कहा है कि वह निजी काम से विदेश गए हैं। इन सबके बीच महत्वपूर्ण यह है कि 15 लोगों के साथ-साथ इन कंपनियों का नाम सीबीआई की एफआईआर में क्यों है?
शिकंजा कसता जा रहा
सिसोदिया कह रहे हैं कि उन्हें सीबीआई या ई़डी 3-4 दिन में गिरफ्तार कर सकती है लेकिन बात यहीं तक सीमित नहीं है। कथित शराब लाइसेंस घोटाले की जांच CBI तो कर ही रही है, अब कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय भी ऐक्टिव हो गया है। इसकी वजह भी सीबीआई की एफआईआर में कारोबारी विजय नायर का नाम सामने आने से जुड़ी है। ऐसे लोगों को राडार पर लेते हुए मंत्रालय अपनी तरफ से जांच कर रहा है। पूरा मामला दिल्ली आबकारी नीति के क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार का है। पैसे को इधर उधर करने में विजय की बड़ी भूमिका मानी जा रही है।
टॉप सरकारी अधिकारियों का कहना है कि कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की नजर इन लोगों (विजय नायर जैसे) से जुड़ी कॉरपोरेट कंपनियों पर है। उधर, पश्चिम दिल्ली से भाजपा सांसद परवेश वर्मा ने दावा किया कि सिसोदिया के नायर समेत दो सहयोगी सीबीआई जांच शुरू होने के बाद देश छोड़कर भाग गए।
आरोप क्या हैं?
सीबीआई की FIR में आरोप लगाया गया है कि आरोपी शराब लाइसेंसी और विजय नायर समेत अन्य कारोबारी नीति निर्माण और क्रियान्वयन में हुई अनियमितताओं में शामिल रहे। एजेंसी का आरोप है कि अरुण रामचंद्र पिल्लई नामक शख्स ने आरोपी सरकारी अधिकारियों के लिए एक शराब कंपनी के मालिक से नायर के जरिए रिश्वत ली। एजेंसी ने नायर की पहचान ऑनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ के तौर पर की है। Only Much Louder एक इंटरटेनमेंट और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी है जो मुंबई में संचालित होती है।
उधर, नायर ने बताया है कि शुक्रवार को सीबीआई ने मुंबई स्थित उनके घर पर भी छापा मारा था। शुरुआती जांच में कुछ ऐसी कंपनियों के नाम भी सामने आए हैं जिनसे नायर सीधे तौर पर जुड़े नहीं रहे हैं। इनमें वियर्डास कॉमेडी, मोटरमाउथ राइटर्स और रेबेलियन मैनेजमेंट शामिल हैं।
कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) की शुरुआती जांच में पता चला है कि नायर द्वारा स्थापित कुछ कंपनियों को रजिस्ट्री से हटा दिया गया है लेकिन उनकी डिटेल खंगाली जा रही है। वनली मच लाउडर इवेंट मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी 2006 में स्थापित की गई थी और इसके दो डायरेक्टर थे- विजय स्वामीनाथन नायर और गिरीश माखनलाल तलवार। OML डिजिटल प्रोडक्शन प्राइवेट लिमिटेड 2009 में बनी, मदर्सवियर एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड 2010 में बनी जिसके डायरेक्टर विजय नायर थे। नायर का नाम कुछ गेमिंग कंपनियों से भी जुड़ा है।
आरोप है कि अर्जुन पांडे और दिनेश अरोड़ा नाम के शख्स शराब लाइसेंसधारियों से जुटाए अनुचित आर्थिक लाभ के प्रबंधन और उसे डायवर्ट करने में सक्रिय रूप से शामिल थे। ये सब खेल आरोपी सरकारी अधिकारियों तक लाभ पहुंचाने के लिए होता था। सिसोदिया के सहयोगी पांडे ने एक बार विजय नायर की ओर से महेंद्रू से करीब 2-4 करोड़ रुपये की नकदी इकट्ठा की थी। इस तरह से देखें तो सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक नायर इस पूरे मामले में एक मुख्य किरदार के तौर पर सामने आ रहे हैं।