मुंबई
एकनाथ शिंदे की बगावत के चलते महाराष्ट्र की सत्ता से बेदखल होने वाले उद्धव ठाकरे अब महा विकास अघाड़ी में भी कमजोर पड़ते दिख रहे हैं। कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा का कहना है कि महाराष्ट्र में भाजपा को किनारे लगाने के लिए गठबंधन किया गया था, लेकिन इससे कांग्रेस को कोई फायदा नहीं हु्आ। उनका यह बयान शिवसेना के लिए एक संकेत माना जा रहा है। इसके जरिए कांग्रेस ने साफ किया है कि गठबंधन से उसे कोई फायदा नहीं हुआ है और चुनावी स्थिति के मामले में वह कमजोर ही हुई है। उन्होंने यह भी कहा है कि कांग्रेस में बहुत से लोग शिवसेना को एक भरोसेमंद पार्टनर के तौर पर नहीं देखते हैं।
मिलिंद देवड़ा ने यह भी कहा कि गुजरात में भी कांग्रेस की राह बहुत ज्यादा आसान नहीं है और उसे जीत हासिल करने के लिए एकजुट होना होगा। इकनॉमिक टाइम्स से बातचीत में देवड़ा ने कहा कि शिवसेना के मुकाबले हमारी विचारधारा में बड़ा अंतर है और इसीलिए एक वर्ग उसे विश्वसनीय पार्टनर के तौर पर नहीं देखता है। उन्होंने कहा कि भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के साझा उद्देश्य के तहत गठबंधन हुआ था। मैं और मेरे जैसे बहुत से लोग यह मानते हैं कि कांग्रेस से गठजोड़ का हमें बहुत ज्यादा फायदा नहीं मिला है। इसका सबसे ज्यादा फायदा शिवसेना को ही मिला है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ कांग्रेस अपना बेस बढ़ाने में नाकाम रही है तो वहीं शिवसेना लगातार कांग्रेस के कोर वोटर्स तक पहुंच बनाती रही है। उसने गठबंधन को एक सेतु के तौर पर इस्तेमाल किया और वोटरों को लुभाया है। यह गठबंधन धर्म के खिलाफ है और हमें बहुत से पार्टी नेताओं से शिकायत भी मिली है। मिलिंद देवड़ा के बयान से साफ है कि महा विकास अघाड़ी में सब कुछ ठीक नहीं है। खासतौर पर यह उद्धव ठाकरे के लिए बड़ी चुनौती है, जो एकनाथ शिंदे की बगावत झेल रहे हैं। इसके अलावा पार्टी में दावेदारी को लेकर भी संकट की स्थिति है। एकनाथ शिंदे गुट का कहना है कि वही असली शिवसेना हैं। ऐसे दौर में गठबंधन में भी असहमति का माहौल बनना उनके लिए चिंता की बात है।