सरकार ने इस बैंक को बेचने का लिया फैसला, शेयर बना रॉकेट

नई दिल्ली,

केंद्र सरकार और सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी आईडीबीआई बैंक में कम से कम 51 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के प्रयास में हैं. इस संबंध में खबरें सामने आने के बाद से आईडीबीआई बैंक के शेयर रॉकेट बने हुए हैं. खबर सामने आने के बाद आज गुरुवार के कारोबार में दोपहर के दौरान तो आईडीबीआई बैंक का शेयर बीएसई (BSE) पर 10 फीसदी से ज्यादा उछल गया.

एक खबर से बढ़े शेयरों के भाव
आईडीबीआई बैंक का शेयर आज बीएसई पर हल्की तेजी के साथ 40.65 रुपये पर खुला. इससे पहले बुधवार को यह 40.15 रुपये पर बंद हुआ था. कारोबार शुरू होने के बाद इसके शेयरों के भाव लगातार बढ़ने लगे. दोपहर तक बीएसई पर इसका भाव 10.09 फीसदी चढ़कर 44.20 रुपये पर पहुंच गया. हालांकि दोहपर के बाद बाजार में आई बिकवाली का कुछ असर इस स्टॉक पर भी देखने को मिला. कारोबार समाप्त होने के बाद यह 7.35 फीसदी की तेजी के साथ 43.10 रुपये पर बंद हुआ.

7 गुना से ज्यादा बढ़ा ट्रेड वॉल्यूम
बीएसई पर आज इसके 65.83 लाख शेयरों का कारोबार हुआ, जिससे 28.43 करोड़ रुपये का टर्नओवर उत्पन्न हुआ. आज इसके ट्रेडिंग वॉल्यूम में 7.08 गुना की उछाल दर्ज की गई. फिलहाल आईडीबीआई बैंक का मार्केट कैप  बढ़कर 46,342.85 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. पिछले एक साल के दौरान इस शेयरों के भाव में 15 फीसदी की तेजी आई है. हालांकि इस साल की शुरुआत से अब तक का रिकॉर्ड देखें तो यह स्टॉक अभी भी घाटे में है. इसका 52-वीक हाई लेवल 65.25 रुपये और 52-वीक लो लेवल 30.50 रुपये है.

सरकार और एलआईसी का इतना हिस्सा
आईडीबीआई बैंक में सरकार और एलआईसी की मिलाकर करीब 94 फीसदी हिस्सेदारी है. ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार और एलआईसी के अधिकारी इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि बैंक की कितनी हिस्सेदारी बेची जानी चाहिए. बिक्री के बाद भी बैंक में सरकार और एलआईसी दोनों की हिस्सेदारी बने रहने की उम्मीद की जा रही है. रिपोर्ट के अनुसार, आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी की बिक्री पर अंतिम फैसला मंत्रियों का एक समूह लेगा.

अगले महीने के अंत तक ऐलान
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि सरकार और एलआईसी औपचारिक तौर पर सितंबर के अंत में आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोलियां मंगाने का ऐलान करेंगे. 30 जून 2022 तक के उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से आईडीबीआई बैंक में सरकार की 45.48 फीसदी और एलआईसी की 49.24 फीसदी हिस्सेदारी है. चालू फाइनेंशियल ईयर की पहली तमाही में बैंक को 756 करोड़ रुपये का स्टैंडअलोन प्रॉफिट हुआ, जो सालाना आधार पर 25 फीसदी ज्यादा है. बैंक को संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार, फंसे कर्ज की बेहतर रिकवरी और एनपीए के लिए कम प्रावधान करने से प्रॉफिट बढ़ाने में मदद मिली.

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