नई दिल्ली,
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी पर संकट गहरा गया है. खनन पट्टे के मामले में चुनाव आयोग ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट झारखंड के राज्यपाल को भेज दी है. इसमें मुख्यमंत्री हेमंत को विधायक पद के लिए अयोग्य ठहराया है. यानी उनकी विधायकी रद्द करने की सिफारिश की है. अब आगे हेमंत को लेकर राज्यपाल को फैसला लेना है. हालांकि, चुनाव आयोग की सिफारिश में हेमंत के लिए एक राहत भरी बात भी है, जिसके जरिए वो कुछ ही समय बाद फिर से नेता सदन बन सकते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, निर्वाचन आयोग ने हेमंत सोरेने को लेकर एक दिन पहले झारखंड के राज्यपाल को अपना सुझाव और मशविरा भेजा है. इसमें झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई है. लेकिन, चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायक पद के लिए अयोग्य ठहराया है. यानी हेमंत की विधायकी रद्द करने की सिफारिश पर राज्यपाल की मुहर लगती है तो झामुमो की सरकार गिर जाएगी. ऐसे में पार्टी को नया नेता सदन चुनना पड़ेगा.
JMM को करना पड़ेगा वैकल्पिक इंतजाम
मगर, चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगने की वजह से सोरेन इस्तीफा देकर फिर से विधायकी का चुनाव लड़ सकते हैं. संभव है कि झामुमो एक छोटी अवधि के लिए सीएम पद को लेकर वैकल्पिक इंतजाम कर सकती है. बाद में हेमंत के चुनाव जीतने की स्थिति में फिर से उन्हें राज्य की बागडोर सौंपी जा सकती है.
माना जा रहा है कि झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस आज हेमंत सोरेन को विधायक पद से अयोग्य करने को लेकर फैसला ले सकते हैं. इस बीच हेमंत सोरेन ने रांची में मुख्यमंत्री आवास पर यूपीए के सभी विधायकों के साथ बैठक की अध्यक्षता की है. बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने राज्यपाल से सीएम हेमंत सोरेन को विधायक के रूप में अयोग्य करने की सिफारिश की है.
बंद लिफाफे में भेजी गई राय
चुनाव आयोग ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस को एक याचिका पर अपनी राय भेजी है. बीजेपी की ओर से दायर इस याचिका में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खुद को एक खनन पट्टा जारी करके चुनावी कानून का उल्लंघन करने के लिए एक विधायक के तौर पर अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है. झारखंड के राज्यपाल ने इस मामले को चुनाव आयोग के पास भेजा था. चुनाव आयोग ने बंद लिफाफे में अपनी राय राज्यपाल को भेजी है.