मुंबई,
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी अपने बयानों को लेकर अकसर चर्चा में बने रहते हैं. लेकिन बीजेपी संसदीय बोर्ड से बाहर किए जाने के बाद से उनके ऐसे बयानों से नाराजगी के कयास तक लगाए जाने लगे हैं. हाल ही में एक नितिन गडकरी का बयान फिर चर्चा में है. अब उन्होंने कहा कि किसी को कभी भी इस्तेमाल करना और फेंकना नहीं चाहिए. अगर आपने एक बार किसी का हाथ थामा है तो फिर अच्छे दिन हों या बुरे दिन, उसे लगातार थामे रखें.
नितिन गडकरी ने शनिवार को क्या कहा ?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शनिवार को नागपुर में उद्यमियों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि व्यक्ति का अंत तब नहीं होता, जब वह हार जाता है बल्कि तब होता है जब वह काम करना छोड़ देता है. उन्होंने कहा कि जो कोई भी व्यवसाय, सामाजिक कार्य या राजनीति में है, उसके लिए मानवीय संबंध सबसे बड़ी ताकत है. नागपुर से सांसद गडकरी ने कहा कि किसी को कभी भी इस्तेमाल करना और फेंकना नहीं चाहिए. अगर आपने एक बार किसी का हाथ थामा है तो फिर अच्छे दिन हों या बुरे दिन, उसे लगातार थामे रखें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उगते सूरज की पूजा न करें.
नितिन गडकरी ने कहा, जब वह एक छात्र नेता थे, तब कांग्रेस नेता श्रीकांत जिचकर ने उन्हें बेहतर भविष्य के लिए कांग्रेस में शामिल होने के लिए कहा था. गडकरी ने बताया कि उन्होंने कहा था कि ‘मैंने श्रीकांत से कहा, मैं कुएं में कूदकर मर जाऊंगा, लेकिन कांग्रेस में शामिल नहीं होऊंगा, क्योंकि मुझे कांग्रेस पार्टी की विचारधारा पसंद नहीं है.’
संसदीय बोर्ड से बाहर किए गए गडकरी
नितिन गडकरी को हाल ही में बीजेपी के संसदीय बोर्ड से बाहर किया गया. कई मीडिया रिपोर्ट्स में तो यहां तक दावा किया गया है कि उन्हें उनके बयानों के चलते ये पद गंवाना पड़ा. हालांकि, बीजेपी और नितिन गडकरी की ओर से इस पर कोई बयान नहीं आया है. उधर, टाइम्स ऑफ इंडिया ने बीजेपी के सूत्रों के हवाले से बताया कि बीजेपी ने संघ नेताओं की सहमति के बाद ये कदम उठाया. दरअसल, नितिन गडकरी को संघ का करीबी माना जाता है. इतना ही नहीं रिपोर्ट में दावा किया गया है कि संघ ने गडकरी को ऐसे बयानों को लेकर चेतावनी भी दी थी, जो पार्टी को असहज स्थिति में ला देते हैं और विपक्ष को निशाना साधने का मौका देते हैं.
नितिन गडकरी के वे बयान, जो चर्चा में
अगस्त 2022: ‘सरकार समय पर फैसले नहीं ले रही’
नितिन गडकरी पिछले हफ्ते एसोसिएशन ऑफ कंसल्टिंग सिविल इंजीनियर मुंबई की ओर से आयोजित कार्यक्रम NATCON 2022 में शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने कहा था, ”आप चमत्कार कर सकते हैं और ऐसा करने की क्षमता है. मेरा मानना है कि भारतीय बुनियादी संरचना का भविष्य उज्ज्वल है. हमें अच्छी तकनीक, अच्छे नवाचार, अच्छे शोध और सफल प्रथाओं को दुनिया और देश में स्वीकार करने की जरूरत है. हमारे पास वैकल्पिक मटेरियल होना चाहिए ताकि हम क्वालिटी से समझौता किए बिना लागत कम कर सकें. समय निर्माण में सबसे अहम चीज है. समय सबसे बड़ी पूंजी है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि सरकार समय पर फैसले नहीं ले रही है.”
जुलाई 2022: ‘कभी-कभी लगता है राजनीति कब छोड़ दूं’
जुलाई में नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम में कहा था कि कई बार मुझे ऐसा लगता है कि मैं राजनीति कब छोड़ूं और कब नहीं. क्योंकि जीवन में राजनीति के अलावा भी कई ऐसी चीजें हैं जो कि करने लायक हैं. उन्होंने कहा कि हमें ये समझना चाहिए कि राजनीति आखिर है क्या. अगर बारीकी से देखें तो राजनीति समाज के लिए है. समाज का विकास करने के लिए है. लेकिन वर्तमान में राजनीति 100 फीसदी सत्ता नीति (सत्ता के लिए) होकर रह गई है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे कभी-कभी तो लगता है कि मैं राजनीति कब छोड़ दूं. उन्होंने कहा, महात्मा गांधी के समय राजनीति देश, समाज, विकास के लिए होती थी, लेकिन अब राजनीति सिर्फ सत्ता के लिए होती है.
मार्च 2022: कांग्रेस का होना महत्वपूर्ण
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि एक लोकतंत्र में विपक्षी पार्टी की भूमिका बेहद अहम है. देश में मजबूत लोकतंत्र के लिए मजबूत कांग्रेस का होना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कमजोर होने से क्षेत्रीय पार्टी उसकी जगह ले रही है, ये सही नहीं है. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत समेत कई कांग्रेसी नेताओं ने गडकरी के इस बयान की तारीफ भी की थी.
गडकरी ने अटल-आडवाणी की तारीफ की
नितिन गडकरी ने हाल ही में महीने एक कार्यक्रम में अटल-आडवाणी की तारीफ की थी. उन्होंने भाजपा के सत्ता में आने का श्रेय अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और दीनदयाल उपाध्याय द्वारा किए गए कार्यों को दिया था. लक्ष्मणराव मानकर स्मृति संस्था के कार्यक्रम में पहुंचे गडकरी ने अटल बिहारी वाजपेई के 1980 में मुंबई में हुए कॉन्क्लेव का बयान का भी जिक्र किया था.
गडकरी ने बताया, अटलजी ने कहा था, अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा. उन्होंने कहा, मैं वहां उस कार्यक्रम में था. उस भाषण को सुनने वाले सभी को विश्वास था कि ऐसा दिन आएगा. अटलजी, आडवाणी जी, दीनदयाल उपाध्याय और कई कार्यकर्ताओं ने ऐसा काम किया कि आज हम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश और कई राज्यों में सत्ता में हैं.
कैसा रहा गडकरी का राजनीतिक सफर?
गडकरी महाराष्ट्र के नागपुर के रहने वाले हैं. उन्होंने अखिल भारतीय विद्याथी परिषद से जुड़कर राजनीतिक करियर शुरू किया. 1989 में पहली बार वे विधानपरिषद के सदस्य बनाए गए थे. इसके बाद वे 20 सालों तक विधान परिषद के सदस्य चुने जाते रहे. वे 1995 में महाराष्ट्र में शिव सेना-बीजेपी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए थे.
2009 में वे बीजेपी अध्यक्ष बने. वे 2013 तक इस पद पर रहे. गडकरी ने 2014 में नागपुर से लोकसभा चुनाव जीता. वे 2019 में भी इसी सीट से जीतकर लोकसभा पहुंचे. अभी नितिन गडकरी सड़क परिवहन मंत्री हैं. 2019 में उन्हें इसके साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय भी मिला था, हालांकि, बाद में इसे वापस ले लिया गया.