बिहार: कार्तिकेय सिंह ने नीतीश कैबिनेट से दिया इस्तीफा, सुबह छीना गया था मंत्रालय

पटना,

बिहार में 10 अगस्त को महागठबंधन सरकार बनी थी. ठीक 22 दिन बाद नीतीश कुमार की कैबिनेट से पहला इस्तीफा हो गया. यह इस्तीफा गन्ना उद्योग मंत्री कार्तिकेय सिंह ने बुधवार को दिया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बिना देरी इस्तीफा स्वीकार करते हुए राज्यपाल फागू चौहान को अपनी अनुशंसा भेज दी. गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को दिया गया है.

दरअसल आरजेडी विधायक कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण के पुराने मामले में कोर्ट ने वारंट जारी किया था. इसके बाद से वे विवादों में थे. इसे लेकर बीजेपी लगातार नीतीश सरकार पर निशाना साध रही थी. इसी के बाद नीतीश कुमार ने बुधवार सुबह कार्तिकेय सिंह से कानून मंत्रालय वापस लेकर उन्हें गन्ना उद्योग मंत्री बना दिया था लेकिन शाम होते होते कार्तिकेय सिंह ने अपना इस्तीफा दे दिया. कार्तिकेय सिंह को अनंत सिंह का करीबी माना जाता है.

बीजेपी ने इस्तीफे पर कसा तंज
वहीं कार्तिकेय सिंह का इस्तीफा होते ही बीजेपी भी सक्रिय हो गई. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम ने ट्वीट किया- अभी पहला विकेट गिरा है. अभी और कई विकेट गिरेंगे.

16 अगस्त को ली थी शपथ
नीतीश कुमार ने बीजेपी से नाता तोड़कर महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बनाई. इसके बाद कार्तिकेय सिंह ने 16 अगस्त को बिहार में हुए कैबिनेट विस्तार में मंत्रिपद की शपथ ली थी. वे आरजेडी के कोटे से मंत्री बने थे. इसके बाद कार्तिकेय सिंह को कानून मंत्रालय दिया गया था. हालांकि, इसके बाद से विवाद शुरू हो गया.

कोर्ट ने जारी किया था वारंट
राजद विधायक कार्तिकेय सिंह के खिलाफ 16 अगस्त को कोर्ट में सरेंडर करने का वारंट जारी किया गया था. कार्तिकेय सिंह के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज है, इसी को लेकर उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया था, लेकिन उन्होंने कोर्ट में सरेंडर तो नहीं किया और वे 16 अगस्त को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने पहुंच गए.

कोर्ट से मिली राहत
कार्तिकेय सिंह पर 2014 में यह मामला दर्ज किया गया था. कार्तिकेय सिंह को बिहटा थाना क्षेत्र के बिल्डर राजू सिंह के अपहरण में आरोपी बनाया गया था. इस मामले में अनंत सिंह भी आरोपी हैं. कोर्ट ने इस मामले में कार्तिकेय सिंह के खिलाफ सरेंडर वारंट जारी किया था. लेकिन मंत्रिपद की शपथ लेने के बाद कार्तिकेय सिंह ने अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी. कोर्ट ने 12 अगस्त को सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी से 1 सितंबर 2022 तक रोक लगा दी थी

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