नई दिल्ली
एलिजाबेथ यॉर्क के ड्यूक प्रिंस अल्बर्ट और उनकी पत्नी लेडी एलिजाबेथ बोवेस-लियोन की बड़ी बेटी हैं। एलिजाबेथ का 21 अप्रैल 1926 को जन्म हुआ था। क्वीन एलिज़ाबेथ का पूरा नाम एलिजाबेथ एलेक्जेंडरा मैरी विंडसर है। क्वीन एलिजाबेथ ने अपनी पढ़ाई घर में ही पूरी की। 1947 में, उन्होंने एक नौसेना अधिकारी, लेफ्टिनेंट फिलिप माउंटबेटन, एक दूर के चचेरे भाई से शादी की। फिलिप ग्रीस के राजकुमार एंड्रयू के बेटे और महारानी विक्टोरिया के परपोते थे।
केन्या दौरे के दौरान हुआ था पिता का निधन
1948 में दोनों से एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम प्रिंस चार्ल्स पड़ा। इसके ठीक दो साल बाद बेटी पैदा हुई जो कि आगे चलकर राजकुमारी ऐनी बनी। शादी के करीब पांच साल बाद यानी साल 1952 में प्रिंस फिलिप, प्रिंसेस एलिजाबेथ केन्या के दौरे पर गए थे। लेकिन केन्या के इसी दौरे के दौरान उनके जीवन का सबकुछ बदल गया। लंबे वक्त से बीमार चल रहे एलिजाबेथ के पिता किंग जॉर्ज का निधन हो गया। एलिजाबेथ केन्या में ही थीं।
1951 को मिली ब्रिटेन की गद्दी
पिता के मौत की खबर मिलने के बाद एलिजाबेथ और प्रिंस फिलिप अपनी छुट्टियों को बीच में रद्द कर ब्रिटेन के लिए रवाना हो गए। पिता की मौत के बाद यह साफ हो गया था कि ब्रिटेन को अब नई महारानी मिलने वाली हैं। इसके बाद 6 फरवरी, 1952 को एलिजाबेथ द्वितीय ब्रिटेन की महारानी नियुक्त हुईं, 2 जून 1953 को उनका आधिकारिक रूप से राज्याभिषेक किया गया।
मात्र 25 साल की उम्र में मिली ब्रिटेन की गद्दी
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की उम्र केवल 25 साल थी जब उनको ब्रिटेन की गद्दी सौंपी गई। तब से लेकर अभी तक वो करीब सात दशक से इस गद्दी पर काबिज हैं। ब्रिटेन की सत्ता संभालने वाली सबसे उम्रदराज महिला भी हैं। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने भारत का दौरा भी किया है। वो तीन बाद भारत दौरे पर आई हैं।
तीन बार भारत दौरे पर आई थीं एलिजाबेथ
महारानी एलिजाबेथ ने 1961, 1983 और 1997 में भारत का दौरा किया था, लेकिन भारत की आजादी के करीब 15 साल बाद उनकी पहली यात्रा सबसे शानदार थी। भारत पहुंचने के बाद एलिजाबेथ उस स्थान पर (राजघाट) भी गई जहां महात्मा गांधी का अंतिम संस्कार किया गया था। वहां पहुंचने के बाद सबसे पहले उन्होंने अपनी सैंडल को निकाल कर अंदर प्रवेश किया। प्रिंस फिलिप ने भी ठीक ऐसा ही किया था।ॉ
जब पहली बार भारत दौरे पर आईं एलिजाबेथ
महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की भारत की यह पहली शाही यात्रा थी। तत्कालीन भारतीय राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू और उपराष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने पहले दिल्ली हवाई अड्डे पर शाही जोड़े की अगवानी की थी। भारत के दौरे के बाद महारानी ने पड़ोसी देश नेपाल और पाकिस्तान का दौरा भी किया। वो जहां भी जाती थी उनकी एक झलक पाने के लिए लोगों को लाइन लगी रहती थी।