वाराणसी
नवरात्रि में देशभर में रामलीला की धूम रहती है। जगह-जगह रामलीला का आयोजन किया जाता है। वाराणसी के भी कई क्षेत्र में रामलीला का आयोजन कराया जाता है। ऐसी ही एक रामलीला का आयोजन चोलापुर थाना क्षेत्र के नियार बाजार में भी कराया जा रहा है। इस रामलीला में माता सीता और भगवान राम के विवाह का एक प्रसंग तैयार किया जा रहा है। इस प्रसंग से संबंधित निमंत्रण पत्र तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे लेकर अब मैथिली समाज से जुड़े लोग आहत हो रहे हैं और इस नई परम्परा की शुरुआत पर बेहद नाराज हैं। राम सीता विवाह में माता सीता का विवाह गदहा नरेश से कराए जाने का जिक्र है।
आयोजक सदस्य ने भी माना निमंत्रण पत्र छपवाना गलत
दरसअल, चोलापुर थाना क्षेत्र में स्थानीय लोग एक कमेटी बनाकर रामलीला का आयोजन करते हैं। इस रामलीला में राम सीता विवाह का एक प्रसंग का मंचन किया जाता है। इससे जुड़ा हुआ एक निमंत्रण पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। जिस पर माता सीता का विवाह गदहा पुर नरेश से होना बताया जा रहा है। इसके बारे में जब आयोजक मंडल के सदस्य और स्थानीय क्षेत्र पंचायत सदस्य राज सेठ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्वयंबर में राम का विवाह सीता के साथ ही होता है, लेकिन जिनका विवाह नहीं होता। उनको प्रतीक स्वरूप गदहा पुर का नरेश बता कर उनका परिहास किया जाता है। इस बार निमंत्रण पत्र छपवा दिया गया, जोकि उन्हें भी आपत्तिजनक लगा, लेकिन इस प्रसंग के मंचन की पूरी तैयारी हो चुकी है ।
मिथिला समाज ने की आपत्ति
पेशे से वकील और मैथिली समाज नामक एक संगठन चलाने वाले गौतम झा ने इस निमंत्रण पत्र पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे माता सीता का अपमान बताया। गौतम झा ने कहा कि माता सीता बस मैथिली समुदाय की ही नहीं, बल्कि पूरे हिन्दू समाज की आराध्य हैं। रामलीला के मंचन में हास परिहास के उद्देश्य से ऐसा निमंत्रण पत्र छपवाना बेहद आपत्तिजनक है। इस मामले को वो सभी सक्षम आधिकारियों के सामने उठाएंगे और इस पर रोक लगाने की मांग करेंगे। साथ ही कोर्ट में इसके खिलाफ वाद भी दाखिल करेंगे। रामलीला प्रभु श्रीराम और माता जानकी के जीवन से लोगों को प्रेरित करने के लिए कराया जाता है। प्रभु श्री राम ने कभी भी किसी का उपहास नहीं किया, लेकिन कमेटी रामलीला के मूल चरित्र को बिगाड़ रही है।