आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को विजय दशमी का त्योहार मनाया जाता है. इसे दशहरा भी कहते हैं. इस साल दशहरा बुधवार, 05 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दशहरे का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध करके अपनी पत्नी सीता को उसके चंगुल से आजाद कराया था. तबसे हर साल विजय दशमी पर रावण, कुंभकरण और मेघनाद का पुतला दहन करने की परंपरा चली आ रही है. ज्योतिषविदों की मानें तो विजय दशमी के दिन वास्तु शास्त्र में बताए गए कुछ खास उपाय करने से बड़ा लाभ होता है. आइए इनके बारे में जानते हैं.
धन के स्थान पर जयंती- वास्तु के अनुसार, विजय दशमी के दिन तिजोरी या धन के स्थान पर जयंती रखना बहुत शुभ होता है. नवरात्र के दिनों में जौ से जो अंकुर निकल आते हैं, उन्हें ही जयंती कहा जाता है. नवरात्रि पारण के बाद एक लाल कपड़े में थोड़ी सी जयंती लेकर तिजोरी में रख लें.
रावण दहन की राख- दशहरे पर रावण दहन की राख या लकड़ी घर लाना भी बहुत उत्तम माना जाता है. रावण के पुतले का दहन होने के बाद उसकी छोटी सी लकड़ी या राख लाकर लाल कपड़े में बांधें और उसे मुख्य द्वार पर बांध दें. ऐसा कहते हैं कि ये उपाय करने से नकारात्मक शक्तियां घर से कोसों दूर रहती हैं. कुछ लोग इन्हें रावण की अस्थियां भी कहते हैं.
झाड़ू का दान- विजय दशमी के दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने से आर्थिक तंगी दूर होती है. इस दिन झाड़ू का दान करने से कर्जों से मुक्ति मिलती है और घर में कभी धन की कमी महसूस नहीं होती है. लंबे समय से चली आ रही रुपयों की तंगी पर भी अंकुश लगता है.
लक्ष्मी सूक्त का पाठ- दशहरे के दिन श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करना भी बहुत शुभ माना गया है. ये उपाय करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. घर की सुख-संपन्नता की दृष्टि से ये उपाय बहुत ही फलदायी माना जाता है.
चौमुखी दीपक- विजय दशमी या दशहरे के दिन शाम के समय दक्षिण दिशा की ओर चौमुखी दीपक प्रज्वलित करना बहुत ही शुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर की सारी तंगी, सारी परेशानियां खत्म हो जाती है. ये उपाय कंगाल को भी आर्थिक मोर्चे पर प्रबल बना सकता है.