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RATH YATRA 2025 2ND DAY UPDATES: दूसरा दिन, फिर चला आस्था का सैलाब

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RATH YATRA 2025 2ND DAY UPDATE: पुरी, ओडिशा में महाप्रभु जगन्नाथ महोत्सव रथ यात्रा का आज दूसरा दिन है. ‘जय जगन्नाथ’ के उद्घोष के साथ शुक्रवार को रथ यात्रा का भव्य आगाज़ हुआ था. इसमें हज़ारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों के रथ मंदिर से श्री गुंडिचा मंदिर के लिए खींचे जाने लगे थे. शुक्रवार शाम को, कई श्रद्धालुओं के बीमार पड़ने के कारण रथ यात्रा को बीच में ही रोक दिया गया था. रथ यात्रा आज एक बार फिर गुंडिचा मंदिर के लिए शुरू हो गई है.

भगवान बलभद्र का रथ बड़गंडी में, देवी सुभद्रा का रथ मार्चिकोट में और भगवान जगन्नाथ का रथ सिंह द्वार पर रुका था. इस बार वार्षिक उत्सव में श्रद्धालुओं में ज़बरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. इस पावन अवसर पर दुनिया भर से लाखों श्रद्धालु तीर्थ नगरी पहुँचे हैं. यहाँ हर तरफ़ ‘हरि बोल’ और ‘जय जगन्नाथ’ के उद्घोष ने भक्तिमय माहौल बना दिया है.

सुरक्षा व्यवस्था और यातायात प्रबंधन: AI कैमरों की ख़ास निगरानी

पुरी, ओडिशा में महाप्रभु जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव के दौरान सुरक्षा और यातायात प्रबंधन के लिए AI आधारित CCTV कैमरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. ट्रैफ़िक पुलिस ने बताया कि श्रद्धालुओं ने कल भी यातायात प्रतिबंधों का पालन किया और आज भी वही व्यवस्था लागू रहेगी. अधिकारियों ने सभी से यातायात सलाह का पालन करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि भुवनेश्वर और कोणार्क से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कल जो व्यवस्थाएँ की गई थीं, वे आज भी यथावत रहेंगी. यह सुनिश्चित करेगा कि भारी भीड़ के बावजूद व्यवस्था बनी रहे और किसी को परेशानी न हो.

रथ यात्रा का आज का हाल: आरती और श्रद्धालुओं का उत्साह

10:00 AM, 28 जून 2025 (IST)

भगवान जगन्नाथ भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए मंदिर से बाहर आते हैं: श्रद्धालु

पुरी, ओडिशा में महाप्रभु जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान एक श्रद्धालु गोरंगी ने कहा, ‘कल रथ यात्रा उत्सव का पहला दिन था. इसमें लाखों लोगों ने हिस्सा लिया. भगवान जगन्नाथ की कृपा से मुझे उनके दर्शन करने का मौक़ा मिला. आज, मुझे उम्मीद है कि मुझे जगन्नाथ को गुंडिचा तक खींचने की कृपा मिलेगी. यह एक बहुत ही ख़ास त्योहार है क्योंकि भगवान जगन्नाथ अपने सभी भक्तों को देखने और अपना आशीर्वाद प्रदान करने के लिए मंदिर से बाहर आते हैं.’

9:47 AM, 28 जून 2025 (IST)

पुरी, ओडिशा में महाप्रभु जगन्नाथ महोत्सव रथ यात्रा का आज दूसरा दिन है. भगवान की आरती के बाद रथ यात्रा शुरू हो गई है. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग रथ खींचने में भाग लेते देखे गए.

9:17 AM, 28 जून 2025 (IST)

महाप्रभु जगन्नाथ की आरती भक्तिमय माहौल में संपन्न

पुरी, ओडिशा में आज सुबह भक्तिमय माहौल में रथ पर विराजमान भगवान श्री जगन्नाथ की आरती मंत्रोच्चारण के साथ संपन्न हुई. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे, जो इस पावन क्षण के साक्षी बने.

जगद्गुरु रामभद्राचार्य का संदेश: भगवान भक्तों को दर्शन देने बाहर आते हैं

7:58 AM, 28 जून 2025 (IST)

भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा 2025 पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, ‘भगवान जगन्नाथ दिव्य हैं और भक्तों को दर्शन देने के लिए मंदिर से बाहर आते हैं. उनके दर्शन कर मुझे बहुत अच्छा लगा. यहाँ आए सभी श्रद्धालुओं को मेरा आशीर्वाद.’ उन्होंने इस यात्रा के आध्यात्मिक महत्व पर ज़ोर दिया.

पहले दिन की चुनौतियाँ: गर्मी और भीड़ से 625 श्रद्धालु बीमार

7:38 AM, 28 जून 2025 (IST)

पुरी, ओडिशा में महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा के पहले दिन शुक्रवार को भीड़ और गर्मी के कारण कई लोग बीमार पड़ गए. राहत की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई. PTI के अनुसार, शुक्रवार को यहाँ रथ यात्रा के दौरान भीषण गर्मी और अत्यधिक भीड़ के कारण क़रीब 625 लोग बीमार पड़ गए. इनमें से ज़्यादातर दम घुटने से बेहोश हो गए.

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वहीं, कई लोगों को भीड़ के कारण मामूली चोटें आईं. कइयों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि कई को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई. कई लोगों ने मामूली चोट, उल्टी और बेहोशी की शिकायत की. ओडिशा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मुकेश महालिंग ने बताया कि श्रद्धालुओं के बीमार पड़ने का मुख्य कारण अत्यधिक गर्मी और नमी थी. अधिकारियों के अनुसार, पुरी के ज़िला मुख्यालय अस्पताल में क़रीब 70 लोगों का इलाज किया गया. इनमें से 9 की हालत गंभीर बताई गई.

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इस बीच, सूत्रों ने दावा किया कि बालागंडी इलाक़े के पास कई लोग घायल हुए, जहाँ भगवान बलभद्र का रथ, ध्वज, एक घंटे से ज़्यादा समय तक फँसा रहा. एक अधिकारी ने बताया कि लंबे समय तक रुकने के कारण वहाँ भीड़ जमा हो गई. परिणामस्वरूप, कई लोग फँस गए और भीड़भाड़ वाले इलाक़े से बाहर निकलने की कोशिश में घायल हो गए. सरकारी एजेंसियों और निजी संगठनों के स्वयंसेवकों की मदद से घायलों को तुरंत अस्पतालों में पहुँचाया गया.

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