Pitru Paksha 2025 :पितृ पक्ष पूर्वजों को याद करने और उनका आशीर्वाद पाने का समय होता है. इस साल पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेगा. आज, 11 सितंबर 2025, पितृ पक्ष की चतुर्थी तिथि है. आज उन सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है, जिनका देहांत किसी भी महीने के कृष्ण पक्ष या शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष के दौरान विधि-विधान से श्राद्ध और तर्पण करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वे अपनी संतानों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. चतुर्थी तिथि पर श्राद्ध करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और घर में खुशहाली आती है.
चतुर्थी तिथि पर श्राद्ध की विधि
- स्नान और शुद्धता: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. गंगाजल छिड़ककर घर को शुद्ध करें.
- श्राद्ध की तैयारी: पितरों के लिए सात्विक भोजन तैयार करें, जिसमें खीर, पूरी और उनकी पसंद का भोजन शामिल हो. श्राद्ध का भोजन बनाते समय प्याज और लहसुन का प्रयोग न करें.
- तर्पण: दोपहर में, जब सूर्य की किरणें तेज हों, तब तर्पण करें. एक पात्र में जल, दूध, काले तिल और कुश लें. दक्षिण दिशा की ओर मुख करके ‘ओम पितृ देवतायै नमः’ मंत्र का जाप करते हुए तर्पण करें.
- ब्राह्मण भोजन: एक ब्राह्मण को भोजन के लिए आमंत्रित करें और उन्हें सम्मानपूर्वक भोजन कराएं. भोजन के बाद दक्षिणा और वस्त्र भेंट करें. यदि ब्राह्मण को भोजन कराना संभव न हो, तो भोजन का एक अंश गाय, कौवे, कुत्ते और चींटी के लिए निकालें.
- पिंडदान: यदि संभव हो, तो चावल, जौ और काले तिल से बने पिंडदान का दान करें. माना जाता है कि पिंडदान सीधे पितरों तक पहुंचते हैं.
- दान: अपनी सामर्थ्य अनुसार भोजन, वस्त्र और अन्य वस्तुओं का दान करना भी शुभ माना जाता है.
ध्यान रखने योग्य बातें
- श्राद्ध कर्म हमेशा दोपहर के समय (अपराह्न काल) में ही किया जाता है.
- पितृ पक्ष के दौरान विवाह, गृह प्रवेश आदि कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए. इस अवधि में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
- श्राद्ध का भोजन करने से पहले उसे पितरों को अर्पित करना चाहिए.