बांदा
सड़क हादसे में पत्नी की हुई मौत के बाद पति ने क्लेम के लिए कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया था। मंगलवार को इसी मामले में कोर्ट में सुनवाई चल रही थी तभी मृत घोषित पत्नी कोर्ट में हाजिर हो गई। यह देखते ही पति कोर्ट से भाग खड़ा हुआ । मृत महिला जीवित कोर्ट में पेश होने पर हड़कंप मच गया। मामला जनपद बांदा के मोटर दुर्घटना दावा अभिकरण कोर्ट का है।
किसी महिला को मृत दर्शा कर कोर्ट में क्लेम दायर किया
इस बारे में जीवित निकली सुधा ने बताया कि मेरी शादी ग्राम निवाइच थाना पैलानी जनपद बांदा निवासी दयाराम के साथ 1998 हुई थी। शादी के बाद पति व ससुराली जन दहेज की मांग करने लगे। इसके लिए पति द्वारा आए दिन मेरी पिटाई की जाती थी। मेरे पिता के पास इतनी हैसियत नहीं थी कि उन्हें शादी के बाद मोटरसाइकिल व अन्य सामान दिया जा सके। यही वजह थी की पति ने मुझे मारपीट कर घर से निकाल दिया।
भरुआ सुमेरपुर जिला हमीरपुर निवासी पीड़िता सुधा देवी ने बताया कि मुझे जानकारी मिली कि मेरे पति द्वारा मेरे नाम से किसी महिला को मृत दर्शा कर कोर्ट में क्लेम दायर किया गया है। यह जानकारी मिलते ही मैं अपने मां और पिता गया प्रसाद के साथ आज न्यायालय पहुंची। न्यायालय में हाजिर होकर जज साहब के सामने मैंने बताया कि मेरे पति द्वारा मेरे नाम से क्लेम मांगा जा रहा है जबकि मैं जीवित हूं। यह देखते ही पति कोर्ट से भाग खड़ा हुआ।
एसपी से कोर्ट ने 15 दिन में मांगी रिर्पोट
इस संबंध में न्यायाधीश धर्मेन्द्र कुमार पांडेय द्वारा पुलिस अधीक्षक बांदा को आदेशित किया गया कि याचिका से संबंधित सभी पहलुओं की जांच कर 15 दिन के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जिससे इस मामले में आगे की कार्रवाई हो सके। यदि जीवित आवेदिका सुधा देवी का कथन सत्य है तो दोषी व्यक्ति के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा सके। इस दौरान कोर्ट में सुधा देवी के द्वारा यह भी बताया गया कि उसे अब इस बात का भय है कि दावा याचिका के याची दयाराम पुत्र बद्री निवासी ग्राम निवाइच थाना पैलानी उस पर दबाव डालने के लिए हमला कर सकता है। इस पर न्यायालय ने पुलिस को आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश भी दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी।
मुकदमे में नया मोड़ आ गया
बताते चलें कि सुधा देवी के पति दयाराम ने सड़क दुर्घटना में पत्नी सुधा देवी को मृत दिखाया था। जिसका पोस्टमार्टम भी किया गया है। इसके पश्चात विवेचना आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया था। आरोप पत्र न्यायालय में 4 मई 2014 को दाखिल किया गया था। तब से लगातार न्यायालय में सुनवाई चल रही थी। करीब सात साल बाद पत्नी के जीवित हाजिर होने से इस मुकदमे में नया मोड़ आ गया है। सुधा देवी की ओर से पैरवी अधिवक्ता वेद प्रकाश गुप्ता ने की। जबकि याची की ओर से मो.यासमीन एड. पैरवी कर रहे हैं।