केवडिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कानून मंत्रियों और कानून सचिवों के अखिल भारतीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अब कानून बनाते समय उसकी उम्र भी तय करनी होगी। पीएम ने विदेश के कुछ देशों का हवाला देते हुए कहा कि जब वहां पर नया कानून बनाया जाता है तो उस कानून की उम्र तय कर दी जाती है, कि वह कानून कब तक प्रभावी रहेगा। यह कानून पांच साल के लिए है या फिर 10 साल के लिए है। पीएम ने कहा भारत में हमें इस भावना को लेकर आगे बढ़ना है। पीएम ने कहा कि कानून की समीक्षा की अवधि और उसकी एक्सपाइरी डेट होगी तो अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि हमारे कानून सरल, सहज और सामान्य भाषा में होने चाहिए। इसके लिए हमें काम करना पड़ेगा। पीएम ने कहा कानून बनाते समय हमारा फोकस होना चाहिए कि कानून की व्याख्या सरल होनी ही चाहिए।
नहीं लगना चाहिए दबाव
पीएम मोदी ने कहा कि लोगाों को सरकार का अभाव और दबाव नहीं लगना चाहिए। पीएम ने कहा पिछले आठ सालों ने यही कोशिश की है। पीएम ने कहा कि पीएम ने कहा कि कोई भी परंपरा जब रुढ़ि बन जाती है तो समाज पर वो बोझ बन जाती है। समाज इस बोझ तले दब जाता है। इसलिए हर व्यवस्था में सुधार जरूरी प्रक्रिया है। पीएम ने कहा सरकार का दबाव जिन बातों से बनता है। उसमें अनावश्यक कानूनी की भी बहुत बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि नागरिकों से दबाव हटाने पर हमारा विशेष जोर रहा है। पीएम ने कहा पिछले आठ सालों में डेढ़ हजार से ज्यादा पुराने और अप्रसांगिक कानूनी को रद्द कर दिया है। ईज ऑफ डूइंज बिजनेस के लिए 32 हजार से ज्यादा कंप्लाइसेंस भी कम किए गए हैं।
गुलामी वाले कानून हटाएं
पीएम ने कहा कि गुलामी के समय के कानून कई राज्यों में चल रहे हैं। पीएम ने कहा आजादी के अमृत महोत्सव में हम कोशिश करने की पुराने कानूनों हटाएं और नए कानून बनाए। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में आप नए कानूनों की तरफ बढ़े। ईज ऑफ लिविंज और इज ऑफ जस्टिस होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब न्याय मिलता है तो देश के आम आदमी का आत्मविश्वास बढ़ता है। पीएम ने कहा भारत ने तमाम चुनौतियों के बाद भी निरंतर प्रगति की है। उन्होंने कहा कि हमारी सांस्कृतिक परंपराएं समृद्ध है। पीएम मोदी ने कहा कि 5 जी आने से न्याय व्यवस्था में और बदलाव आएंगे।
ईवनिंग कोर्ट की शुरुआत की थी
पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तो मैंने ईवनिंग कोर्ट की शुरुआत की थी। देश की पहली ईवनिंग कोर्ट की शुरुआत हुई थी। इसमें कम अपराध वाले लोग आते थे। उनका समय बचता था। गुजरात में ईवनिंग कोर्ट के जरिए बीते सालों में नौ लाख से ज्यादा मामले सुलझाएं गए हैं। पीएम ने लोक अदालतें भी अच्छा काम कर रही हैं। इन कोर्ट के माध्यम से लाखों केस सुलझाए गए हैं। इस दो दिवसीय सम्मेलन की मेजबानी एकता नगर, गुजरात में विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा की जा रही है। इस सम्मेलन का उद्देश्य नीति निर्माताओं को भारतीय कानूनी और न्यायिक प्रणाली से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है।