वॉशिंगटन
अमेरिका ने एक बार फिर से अपनी सीमा पार करते हुए भारत के आंतरिक मामले में दखल की कोशिश की है। अमेरिका ने प्रेस फ्रीडम का हवाला देते हुए कहा है कि वह फुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार सना इरशाद मट्टू के मामले पर नजर रखे हुए है। कश्मीरी पत्रकार ने दावा किया था कि उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर अथॉरिटीज ने अमेरिका जाने से रोक दिया। उनके पास पासपोर्ट और अमेरिकी वीजा होने के बाद भी यह कार्रवाई की गई। अब इस पर अमेरिकी सांसद एडम स्किफ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि वह इस खबर से परेशान हैं कि मट्टू को पुलित्जर पुरस्कार लेने के लिए अमेरिका से रोका गया।
उन्होंने भारत पर आरोप लगाते हुए कहा कि मीडिया को चुप करने और उसका उत्पीड़न करने की कोशिशें खत्म होनी चाहिए। डेमोक्रेटिक पार्टी में एडम स्किफ को बड़े नेताओं में शुमार किया जाता है। वह अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी के भी काफी करीबी हैं। इस बीच मट्टू के दावे पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने भी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को इस मामले की जानकारी है। पटेल ने कहा, ‘हमें पता है कि मट्टू को अमेरिका आने से रोका गया है। हम पूरे मामले पर करीबी निगाह बनाए हुए हैं। हम प्रेस की आजादी के समर्थन को लेकर प्रतिबद्ध हैं।’
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति भारत और अमेरिका की साझा प्रतिबद्धता है। इसमें प्रेस की आजादी भी शामिल है। क्या अमेरिका ने इस मसले को भारतीय विदेश मंत्रालय के समक्ष उठाया है? इस बारे में पूछने पर वेदांत पटेल ने कहा कि हमें इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि कूटनीतिक संबंधों को लेकर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि मुझे इस संबंध में जैसे ही कोई जानकारी मिलेगी, मैं आप लोगों से जरूर साझा करूंगा। गौरतलब है कि फोटो पत्रकार मट्टू को कोरोना काल के दौरान रिपोर्टिंग के लिए पुलित्जर पुरस्कार का ऐलान किया गया था।