BJP नेता बग्गा ने दिवाली पर उड़ाईं कानून की धज्जियां, जमकर फोड़े पटाखे

नई दिल्ली

भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा एक बार फिर विवादों में घिर सकते हैं। राजधानी दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध लगे होने के बावजूद बग्गा कथित तौर पर खुलेआम दिवाली पर पटाखे फोड़ते और बच्चों को बांटते देखे गए। दरअसल, दिल्ली सरकार ने एक जनवरी 2023 तक सभी प्रकार के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है।

अपने बयानों और कामों से अक्सर चर्चा में रहने वाले बग्गा द्वारा अपने ट्विटर हैंडल पर पटाखे फोड़ने और बच्चों को पटाखे बांटने के दो वीडियो भी ट्वीट किए गए हैं, जिनमें वह पटाखे जलाकर खुलेआम नियम-कानूनों की धज्जियां उड़ाते दिख रहे हैं।

इनमें से एक वीडियो में काले कपड़े पहने हुए दिख रहे बग्गा अपने घर के बाहर दो लोगों और एक बच्चे के साथ पटाखों की लंबी लड़ी में आग लगा रहे हैं। वहीं, दूसरे वीडियो में वह झुग्गी बस्ती के कुछ बच्चों को पटाखे बांटते हुए भी दिख रहे हैं, जबकि उनके साथ लड़े लोग उन बच्चों से पटाखे फोड़ने के लिए कह रहे हैं।

माना जा रहा है कि बग्गा के इन वीडियो के बाद वह फिर से विवादों में आ सकते हैं। बता दें कि, भाजपा नेता शुरू से ही राजधानी दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध का विरोध कर रहे हैं। इसको लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिल सकी थी।

गोपाल राय ने रविवार को कहा था कि हर साल सर्दियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। हम हर साल दिवाली मनाते हैं। इस दिवाली, हम सभी दिल्लीवासियों से प्रदूषण को रोकने में मदद करने की अपील करते हैं। कोशिश करें कि पटाखे न फोड़ें। खासकर युवाओं से अपने शहर में प्रदूषण रोकने का संकल्प लेने की अपील की जा रही है। उन्होंने कहा कि हर दिवाली के बाद सांस लेने में दिक्कत होती है और बुजुर्गों और बच्चों पर इसका काफी असर पड़ता है। पटाखों के जलने से प्रदूषण बढ़ता है।

जनता की जान बचाना हमारी प्राथमिकता
पटाखों पर बैन को लेकर हो रही आलोचना के जवाब में मंत्री ने कहा कि मैं राजनीति पर कुछ नहीं कहना चाहता। जो राजनीति करना चाहते हैं वे कर सकते हैं। लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। इस मामले को लेकर कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट भी गए थे और कोर्ट के फैसले के बाद अब इस मामले में बहस की कोई गुंजाइश नहीं बची है। जब हमारे पूर्वजों ने दिवाली मनाई थी, तब पटाखे नहीं थे, क्योंकि तब पटाखे नहीं बनते थे। लोगों की जान बचाना हर धर्म की प्राथमिकता है।

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