बॉर्डर पर कोई भी चाल चलने से पहले 10 बार सोचेगा पाकिस्तान, सेना ने उठाया बड़ा कदम

नई दिल्ली

दुनियाभर में आतंकवादी घटनाओं के लिए कुख्यात पाकिस्तान भारत में भी नापाक हरकतें करने की कोशिश करता रहता है। कभी आतंकियों को ट्रेनिंग देता है तो कभी भारत में ड्रोन के जरिए से निगरानी करता है। पाकिस्तान को जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने कड़े कदम उठाए हैं, जिसके बाद नापाक हरकत करने से पहले पाक दस बार सोचेगा। लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर ड्रोन निगरानी से निपटने के लिए सेना ने क्वाडकॉप्टर जैमर और मल्टी-शॉट गन सहित दो सिस्टम लगाए हैं।

सेना के सूत्रों ने बताया, ”सेना ने नियंत्रण रेखा पर क्वाडकॉप्टर जैमर लगाए हैं, जिन्हें एक्वा जैमर कहा जाता है और वे मल्टी शॉट गन द्वारा सपोर्टेड हैं। एक्वा जैमर की क्षमता 4,900 मीटर की ऊंचाई तक होती है। ये एक्वा जैमर दुश्मन के ड्रोन को फ्रीज करने से पहले उसके ऑपरेटर के साथ सीमा पार से उसकी कनेक्टिविटी को तोड़ देते हैं। बाद की कार्रवाई के बाद इसे नीचे लाने के लिए मल्टी वेपन प्लेटफॉर्म पर लगे मल्टी शॉट गन द्वारा दूसरे एक्शन लिए जाते हैं। कई जवान इन दो मशीनों को चलाते हैं।”

पांच किमी की रेंज तक ड्रोन पकड़ सकेगा जैमर
एक्वा जैमर 5 किमी की रेंज तक ड्रोन सिग्नल का पता लगा सकता है। मल्टी वेपन प्लेटफॉर्म के बारे में सूत्रों ने कहा, ”इस पर लगी तीन बंदूकें त्रिकोणीय प्रारूप में एक बार में नौ शॉट फायर करती हैं, जिससे दुश्मन के ड्रोन की आग से बचने की कोई गुंजाइश नहीं रहती है।” दोनों सिस्टम्स को एलओसी से करीब 400 मीटर पीछे तैनात किया गया है। सूत्रों ने बताया कि निगरानी केंद्र कैमरों और थर्मल इमेजर्स से लैस हैं और 24×7 काम करते हैं ताकि विरोधी द्वारा किसी भी शरारत का पता लगाया जा सके। इस साल जनवरी से सितंबर महीने तक, 191 पाकिस्तानी ड्रोन भारतीय क्षेत्र में घुसे, जिनमें से 171 पंजाब सेक्टर में और 20 जम्मू सेक्टर में देखे गए।

राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर बोला हमला
उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि पाक उसके कब्जे वाले कश्मीर में लोगों पर अत्याचार कर रहा है और उसे इसके अंजाम भुगतने पड़ेंगे। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को फिर से हासिल करने का संकेत देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख में सर्वांगीण विकास का लक्ष्य पीओके के हिस्से गिलगित और बाल्टिस्तान तक पहुंचने के बाद ही हासिल किया जाएगा। सिंह ने ‘शौर्य दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ”हमने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विकास की अपनी यात्रा अभी शुरू की है। जब हम गिलगित और बाल्टिस्तान तक पहुंच जाएंगे तो हमारा लक्ष्य पूरा हो जाएगा।”

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