शिमला
हिमाचल प्रदेश में नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही विधानसभा चुनाव को लेकर तस्वीर अब साफ होने लगी है। प्रदेश भर में भाजपा और कांग्रेस के बागियों समेत 92 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन वापस ले लिए। लेकिन, भाजपा के 21 और कांग्रेस के सात बागियों ने अपने नामांकन वापस नहीं लिए हैं। ऐसे में चुनाव में बागी नेता दोनों पार्टियों की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। प्रस्तुत है मौजूदा सूरतेहाल को बयां करती रिपोर्ट…
कुल 413 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला
अब 68 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 413 प्रत्याशियों में मुकाबला होगा। इन प्रत्याशियों ने जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। इसके बावजूद कई नेता ऐसे भी है जो चुनाव तो नहीं लड़ रहे लेकिन भीतरघात के जरिए पार्टियों की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। नामांकन वापसी के दिन शनिवार को कुल्लू से निर्दलीय उतरे भाजपा के पूर्व सांसद महेश्वर सिंह और चिंतपूर्णी से निर्दलीय उतरे कांग्रेस के पूर्व मंत्री कुलदीप कुमार ने अपना अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है। इससे दोनों पार्टियों कुछ राहत जरूर मिली है।
भाजपा के इन बागियों ने नाम नहीं लिये वापस
भाजपा से जुड़े रहे जिन बागी नेताओं ने नाम वापस नहीं लिए हैं, उनमें बंजार से महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह, आनी से विधायक किशोरी लाल सागर, देहरा से विधायक होशियार सिंह, नालागढ़ से पूर्व विधायक केएल ठाकुर, इंदौरा से पूर्व विधायक मनोहर धीमान, किन्नौर से पूर्व भाजपा विधायक तेजवंत नेगी, फतेहपुर से पूर्व सांसद कृपाल परमार, सुंदरनगर से पूर्व मंत्री रूप सिंह ठाकुर के बेटे अभिषेक ठाकुर, बिलासपुर से सुभाष शर्मा, मंडी सदर से भाजपा नेता प्रवीण शर्मा, कुल्लू सदर से राम सिंह और नाचन से भाजपा नेता ज्ञान चंद शामिल हैं।
भाजपा के बागियों की संख्या ज्यादा
इनके अलावा भाजपा के बागी नेताओं में धर्मशाला से विपिन नेहरिया, कांगड़ा से कुलभाष चौधरी, मनाली से महेंद्र सिंह ठाकुर, बड़सर से संजीव शर्मा, हमीरपुर से नरेश दर्जी, भोरंज से पवन कुमार और रोहडू से राजेंद्र धीरटा ने नामांकन वापस नहीं लिए हैं। चंबा सदर से भाजपा नेता इंदिरा कपूर, हमीरपुर से आशीष शर्मा भी भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। मौजूदा तस्वीर बताती है कि भाजपा के बागियों की संख्या ज्यादा है। इसलिये कांग्रेस की तुलना में भाजपा की चुनौतियां अधिक हैं।
कांग्रेस के बागी उम्मीदवार
कांग्रेस में पच्छाद से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर, ठियोग से पूर्व विधायक दिवंगत राकेश वर्मा की पत्नी इंदु वर्मा, पूर्व मंत्री दिवंगत जयबिहारी लाल खाची के बेटे विजय पाल खाची, सुलह से पूर्व विधायक जगजीवन पाल, चौपाल से पूर्व विधायक डॉ. सुभाष मंगलेट और आनी से परस राम निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं।
जेपी नड्डा हुए सक्रिय
मौजूदा विधानसभा चुनाव में बागियों की चुनौती को देखते हुए भाजपा हाईकमान भी सक्रिय हो गया है। कुछ समय पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता संबित पात्रा ने कहा था कि भाजपा सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है। भाजपा में जीत की संभावना भी सबसे ज्यादा है। ऐसे में स्वाभाविक है कि पार्टी के टिकट चाहने वाले भी ज्यादा होंगे। भाजपा परिवार में बड़े सदस्य सभी अपनों को संभाल लेंगे। रिपोर्टों के मुताबिक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा बागियों को संभालने में जुट गए हैं। वह अपना अधिकतर समय राज्य को दे रहे हैं।