6.5 C
London
Wednesday, December 24, 2025
Homeराज्यउपहार कांड के लिए अंसल ब्रदर्स जेल जा सकते हैं तो जयसुख...

उपहार कांड के लिए अंसल ब्रदर्स जेल जा सकते हैं तो जयसुख पटेल पर कार्रवाई क्यों नहीं?

Published on

अहमदाबाद

मोरबी ब्रिज हादसे में पांचवें दिन गुजरात सरकार ने स्थानीय नगर पालिका के चीफ ऑफिसर संदीप सिंह झाला को सस्पेंड कर दिया। राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग ने यह कार्रवाई एसआईटी की पूछताछ के दो दिन बाद की। मोरबी हादसे के लिए सरकार की तरफ से बनाई गई एसआईटी ने मोरबी नगर पालिका के चीफ ऑफिसर से पूछताछ की थी। 135 लोगों की जांच लेने वाले इस हादसे में अभी नीचे के लोगों पर कार्रवाई की गई। इसमें झाला के अलावा ओरेवा कंपनी के दो मैनेजर और फ्रेबिकेशन के ठेकेदार समेत 9 को गिरफ्तार किया था। पूरे देश को हिलाकर रख देने इस हादसे में अभी भी ठोस कार्रवाई की दरकार है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि अगर दिल्ली के उपहार कांड के लिए अंसल ब्रदर्स जेल जा सकते हैं तो जयसुख पटेल पर अब कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब आने वाले दिनों में सरकार को देना पड़ सकता है। राज्य में विधानसभा के चुनाव हैं और ऐसे में यह सवाल जोर-शोर से उठेगा।

2018 तक था पहला कॉन्ट्रैक्ट
राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग ने मोरबी नगर पालिका के जिन चीफ ऑफिसर संदीप सिंह झाला को संस्पेंड किया है, उन्होंने इसी साल 4 मार्च को चीफ ऑफिसर का कार्यभार संभाला था। इसके बाद 7 मार्च को अजंता मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के ओरेवा ग्रुप के साथ झूलते ब्रिज की मरम्मत की जिम्मेदारी देने के लिए 300 रुपये के स्टांप पेपर पर करार किया गया था। इसके तहत ओरेवा को अगले 15 साल यानी की 2037 तक के पुल सौंपा गया था। जांच में सामने आया है कि 2008 से इस पुल का संचालन कर रहे ओरेवा ग्रुप का कांट्रैक्ट 2018 में खत्म हो गया था। इसके बाद कंपनी के प्रमुख जयसुख पटेल ने खुद ही रिन्यूअल के लिए नगरपालिका को अर्जी थी। इसके बाद 2020 और 2021 में ब्रिज कोविड के चलते बंद रहा था।

करार को नहीं थी मंजूरी
जानकारी के अनुसार 7 मार्च, 2022 को हुए करार को नगर पालिका के बोर्ड ने पास नहीं किया था, जबकि यह करार जब हुआ था तब यह शर्त थी कि मोरबी की नगर पालिका की सामान्य सभा में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। नगर पालिका और ओरेवा ग्रुप के बीच करार होने के बाद 29 मार्च को नगर पालिका की सामान्य सभा की बैठक हुई। इसमें बजट पास करने की कार्रवाई की गई, लेकिन मरम्मत और अगले 15 सालों के लिए फिर ओरेवा ग्रुप को झूलता पुल देने की प्रस्ताव सदन में नहीं रखा गया है। गुजरात म्युनिसिपलिटी एक्ट के अनुसार इस तरह के करार को बहुमत के साथ बोर्ड की मंजूरी जरूरी है, लेकिन मोरबी ब्रिज के मामले में ऐसा नहीं हुआ। राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग ने इस खामी के तौर पर लिया है।

टिकट शुल्क भी बढ़ाया
मोरबी ब्रिज हादसे की जांच में सामने आया है कि एक तरफ जहां कंपनी और नपा के करार को बोर्ड में पास नहीं कराया गया था तो वहीं दूसरी ओरेवा ग्रुप ने नपा के बोर्ड की बिना मंजूरी के ही टिकट शुल्क में भी इजाफा कर दिया था। मोरबी के झूलते पुल के लिए ओरेवा ग्रुप पहले व्यस्क और बच्चों के क्रमश: 15 और 10 रुपये चार्ज करता था। नए कॉन्ट्रैक्ट में ग्रुप ने इस बढ़ाकर 17 और 12 रुपये किया था, लेकिन इसकी भी स्वीकृति बोर्ड से नहीं ली गई थी, लेकिन कंपनी नई दरों से शुल्क वसूल रही थी।

बड़े पैमाने पर खामियां
करार में तय हुआ था कि ओरेवा ग्रुप 142 साल पुराने ब्रिज को रेनोवेट कराने का पूरा खर्च उठाएगा। यह काम आठ से 12 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। इतना ही नहीं ओवरक्राउडिंग को रोकने के लिए टिकट सिस्टम भी अमल में लाया जाएगा, लेकिन कंपनी ने तमाम शर्तों और नियमों की अनदेखी करते हुए 26 अक्टूबर को ब्रिज खोल दिया। जो कि 30 अक्टूबर की शाम को हादसे का शिकार हो गया और इसमें 135 लोगों की मौत हो गई। तब हादसे के अगले दिन नगर पालिका के चीफ ऑफिसर संदीप सिंह झाला ने कहा था कि पुल को खोलने के लिए कोई फिटनेस सर्टिफिकेट गया था या नहीं। बाद में सामने आया था कि कोई सर्टिफिकेट नहीं लिया गया था।

12 लाख रुपये ही किए खर्च
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के मोरबी में हुए केबल पुल हादसे के मामले में चौंकाने वाली बात सामने आई है। ओरेवा समूह ने 143 साल पुराने पुल के रेनोवेशन में महज 12 लाख रुपये ही खर्च किये। जबकि इसके लिए 2 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इस तरह देखें तो कंपनी ने नवीनीकरण में कुल बजट का 6% ही खर्च किया और बाकी पैसा डकार गई। लेकिन इस सब के बावजूद बड़ा सवाल यही है कि इस पुल का 10 सालों तक स्वामित्व संभाल चुकी ओरेवा के बड़े ओहदेदारों पर कार्रवाई कब होगी?

Latest articles

कलश यात्रा के साथ भागवत कथा का शुभारंभ, पहले दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

भोपाल।अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथा वाचक मनोज अवस्थी जी के मुखारबिंदु से आज प्रथम दिवस...

एनएमडीसी को मिले नए डायरेक्टर (पर्सनल), बीएचईएल के डायरेक्टर कृष्णा कुमार ठाकुर का चयन एनएमडीसी में

नई दिल्ली।लोक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) ने एनएमडीसी लिमिटेड (शेड्यूल-ए) में डायरेक्टर (पर्सनल) पद...

More like this

इटारसी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को बम से उड़ाने की धमकी

इटारसी।मध्यप्रदेश की इटारसी स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को बम से उड़ाने की धमकी मिलने से...

12.40 ग्राम ब्राउन शुगर के साथ तस्कर गिरफ्तार

इंदौर।इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान...

आबेदुल्लागंज के युवाओं को मिला तकनीकी प्रशिक्षण, बनी स्थानीय कृषि तकनीशियन टीम

आबेदुल्लागंज।आबेदुल्लागंज क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार और किसानों के लिए राहत का एक...