व्यक्ति की सुंदरता उसके कर्म व व्यवहार से होती-संत श्री मुरलीधर जी महाराज

भोपाल

जंबूरी मैदान आयोजित नौ दिवसीय श्री राम कथा पांचवा दिन प्रसिद्ध कथा वाचक मानस मर्मज्ञ संत श्री मुरलीधर जी महाराज ने गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज द्वारा रचित श्री रामचरितमानस के बालकांड में जगत जननी मां सीता के स्वयंवर प्रसंग के तहत भगवान श्रीराम व भ्राता लक्ष्मण द्वारा जनकपुर भ्रमण व सीता जी द्वारा पुष्प वाटिका में गौरी पूजन प्रसंग का बड़ा ही सुंदर वर्णन किया। रामायण जी की सुंदर भाव मय चौपाइयां सुनकर श्रोता आनंदित नजर आए।

कथा प्रसंग के माध्यम से पूज्य महाराज जी ने कहा कि व्यक्ति को बाहर की अपेक्षा भीतर से सुंदर बनने की आवश्यकता है वर्तमान समय में नई पीढ़ी के युवक-युवती केवल बाहरी दिखावे व झूठे सौंदर्य की तरफ आकर्षित होते हैं जिसका परिणाम आए दिन हमें देखने को मिल रहा है। व्यक्ति की सुंदरता उसके कर्म व व्यवहार से होती है न कि सुंदर वस्त्र व शारीरिक सौंदर्य से।

सकल समाज वरिष्ठ नागरिक सेवा समिति के प्रवक्ता बलवंत सिंह रघुवंशी एवं उपाध्यक्ष हरीश बाथवी ने बताया कि शुक्रवार की कथा में वाराणसी से पधारे परम पूज्य योगी रामानंदाचार्य जी महाराज का पावन सानिध्य प्राप्त हुआ ।

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