वार्निंग कैसे दी थी बताईए, कोर्ट ने पूछा सवाल तो बगले झांकने लगी दिल्ली पुलिस, आप के पूर्व मंत्री समेत 38 बरी

नई दिल्ली

कोविड लॉकडाउन के दौरान पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम और मौजूदा विधायक दुर्गेश पाठक समेत 38 आरोपियों को दिल्ली की एक कोर्ट ने बरी कर दिया है। ये सारे लोग जुलाई 2020 में राजधानी में केंद्र सरकार के खिलाफ जमावड़ा कर रहे थे। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ आईपीसी की धारा 188\34 के तहत केस दर्ज किया था। इन लोगों पर आरोप था कि धारा 144 लगी होने के बावजूद ये सारे एकत्र हुए और कोविड गाईड लाईनों का उल्लंघन किया।

दिल्ली पुलिस का कहना था कि राजेंद्र पाल गौतम समेत 38 लोग प्रदर्शन के लिए इकट्ठे हुए तो उन्हें चेतावनी दी गई। लेकिन वो नहीं माने। उस समय कोविड लॉकडाउन के तहत धारा 144 लगी हुई थी। इसके तहत पांच या पांच से ज्यादा लोगों को एक जगह पर जमा नहीं होना था। आप के नेताओं ने इसको नजरंदाज कर धरना प्रदर्शन किया। हालांकि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि वार्निंग कैसे दी थी, बताईए। लेकिन पुलिस ऐसा कोई वीडियो या फोटोग्राफ पेश नहीं कर सकी जिससे साबित हो कि आप नेताओं को उनकी तरफ से चेतावनी दी गई थी।

एडिशनल चीफ जूडिशियल मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने अपने फैसले में कहा कि पुलिस ये साबित करने में नाकाम रही कि उसने किस तरह से आप नेताओं को चेतावनी दी थी। कोर्ट ने कहा कि केस के पहले जांच अधिकारी योगेंद्र कुमार ने उस बस के नंबर को चार्जशीट में शामिल नहीं किया जिसमें आप नेताओं समेत 38 लोगों को बिठाकर पुलिस थाने ले जाया गया। आई ने बस चालक को भी गवाह के तौर पर शामिल नहीं किया।

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