नई दिल्ली,
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2 दिसंबर को बीजेपी और आरएसएस को जय सियाराम कहने की नसीहत दी थी. अब वह बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं. यूपी के दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद और ब्रजेश पाठक वहीं एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राहुल को आंड़े हाथों लिया. वहीं समाजवादी पार्टी ने बीजेपी पर ही तंज कस दिया. यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी नाटक मंडी के नेता हैं. वो कोट के ऊपर जनेऊ पहनते हैं. उनको भारत की संस्कृति के बारे में कुछ नहीं पता है. बस गली-गली दौड़ रहे हैं क्योंकि जानता ने इनको नकार दिया है.
वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया- भगवान श्रीराम के अस्तित्व को नकारने वाली कांग्रेस के सांसद श्री राहुल गांधी जी को जय श्रीराम न सही, बीजेपी ने जय सियाराम बोलने के लिए विवश कर दिया है, यह भाजपा की वैचारिक विजय और कांग्रेसी विचारधारा की हार है! अभी आपसे जय श्री राधारानी सरकार की और जय श्रीकृष्ण भी कहलवाना है!
उधर केशव मौर्य के ट्वीट पर सपा के प्रवक्ता अमीक जामेई ने ट्वीट किया. उन्होंने लिखा- चलिए इसी बहाने आपने सियाराम कहा तो नही तो महिलाओं को इंसान में आप कहा गिनते है, जय सियाराम हमारे ग्रामीण जीवन में धर्म से ऊपर उठ एक अभिवादन जिसे सब करते है आप लोगो ने इससे सीता मां को गायब ही कर दिया था! आगे से सियारामचंद्र जी कहा करे!
राहुल कभी रामायण…गीता नहीं पढ़े
इसके अलावा एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- राहुल बाबा का ज्ञान, बाबा-बाबा ब्लैक शीप तक ही सीमित है. अरे भाई राम की शुरुआत श्री से ही होती है और श्री जो हैं, वह विष्णु भगवानजी की पत्नी लक्ष्मी और सीता जी के लिए ही इस्तेमाल होता है… जरा खोल कर तो देख लें इतिहास.
उन्होंने कहा कि रामायण बुक पढ़ेंगे नहीं और गीता के पन्ने शायद उन्होंने पलटे ही नहीं होंगे तो इंटरनेट पर देख लें उसमें श्री का उल्लेख है. श्री राम और कृष्ण विष्णु जी के अवतार हैं और इसीलिए उनके नाम के आगे श्री लगता है. मुझे लगता है आपको यह बात उन्हीं पंडितजी ने बताई होगी, जिन्होंने मंदिर का केक बनाकर कमलनाथ जी से कटवाया था.
राहुल गांधी इलेक्शन हिंदू: शाहनवाज
शाहनवाज हुसैन ने कहा- बीजेपी को राहुल गांधी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. उन्होंने राहुल गांधी पर ‘नकली हिंदू’ का तंज कसते हुए कहा कि ये इलेक्शन हिंदू हैं.
राहुल गांधी ने यह दिया था बयान
राहुल गांधी ने कहा था कि हमारे जो आरएसएस के मित्र हैं, उनको मैं कहना चाहता हूं कि जय श्री राम जरूर बोलें, लेकिन जय सिया राम और हे राम, तीनों का प्रयोग कीजिए और सीता जी का अपमान मत कीजिए. उन्होंने कहा कि सीता के बिना भगवान राम का नाम अधूरा है -वो एक ही हैं इसीलिए हम ‘जय सियाराम’ कहते हैं. भगवान राम सीता जी के लिए लड़े. हम जय सिया राम जपते हैं और महिलाओं को सीता का स्वरूप मान उनका आदर करते हैं. जय सिया राम.
राहुल गांधी ने बताया कि मध्य प्रदेश में एक पंडित मेरे पास आए और समझाया फिर उन्होंने मुझसे गहरा सवाल किया. उन्होंने कहा कि जो भगवान राम थे, वो तपस्वी थे. उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी तपस्या में डाल दी. फिर उन्होंने कहा कि गांधीजी हे राम कहते थे. उनका नारा था हे राम.
हे राम का मतलब, राम एक जीने का तरीका हैं. वो केवल एक व्यक्ति नहीं थे वो एक जिंदगी जीने का तरीका था- प्यार, भाईचारा , इज्जत, तपस्या. उन्होंने पूरी दुनिया को जीने का तरीका दिखाया और गांधी जी जब हे राम कहते थे तो उनका मतलब था जो भगवान राम हैं वो भावना हमारे दिल में है और उसी भावना को लेकर हमें जिंदगी जीनी है.
ये है हे राम का मतलब जिस तरह से भगवान राम ने अपनी जिंदगी जी, जो उन्होंने तपस्या की, प्यार फैलाया, जो उन्होंने समाज के लिए काम किया वैसे ही अपनी जिंदगी जीना. फिर पंडित जी ने कहा दूसरा नारा- जय सिया राम. जय सीता जय राम. मतलब सीता और राम एक ही हैं. इसलिए नारा है- जय सियाराम या जय सीताराम. मतलब जो राम ने सीता के लिए किया, सीता के लिए लड़े और तीसरा नारा है जय श्री राम – जिसमें हम राम भगवान की जय करते हैं.
राहुल ने कहा कि बीजेपी-आरएसएस के लोग भगवान राम की भावना को नहीं अपनाते क्योंकि भगवान राम ने जो जिंदगी जी, किसी के साथ अन्याय नहीं किया. समाज को जोड़ने का काम किया, सबको इज्जत दी, सबकी मदद की और सबसे जरूरी नारा जय सियाराम तो कर ही नहीं कर सकते क्योंकि उनके संगठन में एक भी महिला नहीं है. तो वो तो राम का संगठन ही नहीं है क्योंकि उनके संगठन में सीता नहीं आ सकती. उन्हें तो बाहर कर दिया गया.