नेपाल में चीन समर्थक ओली ने चली चाल, एक्‍शन में भारत और अमेरिका, देउबा या प्रचंड कौन बनेगा पीएम?

काठमांडू

नेपाल में आम चुनाव के बाद अब सरकार बनाने के लिए कोशिशें तेज हो गई हैं। चुनाव में सत्‍तारूढ़ नेपाली कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और उनके गठबंधन में सहयोगी दलों को मिलाकर सरकार बनने की संभावना बहुत बढ़ गई है। इस बीच नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और चीन के इशारे पर चलने वाले केपी शर्मा ओली ने सरकार बनाने के लिए बड़ा दांव चला है। ओली ने नेपाली कांग्रेस के गठबंधन सहयोगी वामपंथी नेता पुष्‍प कमल दहल को ढाई-ढाई साल के लिए सरकार बनाने का प्रस्‍ताव दे दिया है। ओली के इस दांव के बाद अब भाारत और अमेरिका भी एक्‍शन में आ गए हैं।

नेपाल में भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्‍तव ने एक सप्‍ताह के अंदर दूसरी बार पीएम शेर बहादुर देउबा से मुलाकात की है। शनिवार को भारतीय राजदूत ने देउबा के साथ ताजा मुलाकात की और उन्‍हें चुनाव जीतने पर बधाई दी। नेपाली अखबार काठमांडू पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक नवीन श्रीवास्‍तव ने नई सरकार के गठन के ताजा अपडेट के बारे में भी जानकारी ली। एक सूत्र ने कहा, ‘हम इसका अनुमान लगा सकते हैं कि उन्‍होंने सरकार बनाने, प्रधानमंत्री पद की रेस और सत्‍ता के बंटवारे पर बाचतीत की है।’

‘नेपाल के आंतरि‍क मामले में कोई हस्‍तक्षेप नहीं करेगा भारत’
भारत ने पहले ही कहा है कि वह नेपाल में नई सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार है। भारतीय विदेश मंत्रालय अरिंदम बागची ने पिछले सप्‍ताह कहा था कि भारत और नेपाल के बीच करीबी संबंध रहे हैं और भारत काठमांडू में नई सरकार के साथ मिलकर काम करेगा। भारत ने यह भी साफ किया था कि वह नेपाल के आंतरि‍क मामले में कोई हस्‍तक्षेप नहीं करेगा। इससे पहले 26 नवंबर को भारतीय राजदूत नवीन श्रीवास्‍तव ने सीपीएन माओवादी सेंटर के नेता प्रचंड से भी मुलाकात की थी।

भारतीय राजदूत ने प्रचंड के साथ मुलाकात के दौरान उन्‍हें जीत पर बधाई दी और नेपाल की राजनीति पर चर्चा की थी। नेपाल में चुनाव के रिजल्‍ट आने के बाद विभिन्‍न राजनीतिक दलों ने सरकार बनाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी है। नेपाल कांग्रेस की ओर से सबसे ज्‍यादा प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि पार्टी अपने अंदर ही सिर फुटव्‍वल का सामना कर रही है। दरअसल, देउबा के साथ-साथ नेपाली कांग्रेस के कई और नेता प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं।

ओली ने प्रचंड को ढाई साल के लिए पीएम बनाने का प्रस्‍ताव दिया
यही नहीं प्रचंड ने भी इच्‍छा व्‍यक्त की है कि वह प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। उधर, नेपाली कांग्रेस के गठबंधन में दरार आता देख ओली ने चाल चल दी है और प्रचंड को ढाई साल के लिए पीएम बनाने का प्रस्‍ताव दिया है। यही वजह है कि भारतीय राजदूत ने प्रचंड और देउबा दोनों ही नेताओं से अलग-अलग मुलाकात की है। इस मुलाकात के ठीक पहले अमेरिका के नेपाल में राजदूत ने गुरुवार को देउबा से मुलाकात की और चुनाव को सफलतापूर्वक आयोजित कराने के लिए बधाई दी थी।

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