20.1 C
London
Wednesday, July 2, 2025
Homeभोपालफिल्मों की तरह कॉलेज में सबसे दोस्ती करती रही पुलिस वाली, रैगिंग...

फिल्मों की तरह कॉलेज में सबसे दोस्ती करती रही पुलिस वाली, रैगिंग के पूरे खेल से यूं उठा दिया पर्दा

Published on

इंदौर

फिल्मों में आपने कई बार देखा होगा कि केस सॉल्व करने के लिए पुलिस भेष बदलकर आरोपियों तक पहुंचती है। मध्यप्रदेश के इंदौर में भी पुलिस ने फिल्मी स्टाइल से एक केस को सॉल्व किया है। दरअसल, संयोगितागंज थाना क्षेत्र के MGM मेडिकल कॉलेज में रैंगिग के मामले का पुलिस ने बड़े ही खुफिया अंदाज में खुलासा किया है। 24 जुलाई को पुलिस को कॉलेज में रैगिंग की शिकायत मिली थी। पुलिस ने मामले का खुलासा करने के लिए फिल्मी स्टाइल से कॉलेज में खुफिया टीम को स्टूडेंट बनाकर भेज दिया। पुलिस टीम ने अंडर कवर कॉप शालिनी चौहान को स्टूडेंट बनाकर कॉलेज में भेजा। शालिनी ने इस दौरान कॉलेज में दोस्त बनाए, कैंटीन में चर्चा की। शालिनी करीब 5 महीने तक इस मिशन में लगी रहीं। ब्लाइंड रैगिंग केस का खुलासा करने के लिए उन्होंने पर्याप्त सबूत जुटाए। अंडरकॉप शालिनी को एमवाय अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ बनाकर भेजा गया था। इस दौरान उन्होंने कैंटीन के साथ कॉलेज कैम्पस में समय बिताया और फ्रेशर्स स्टूडेंट्स से दोस्ती की।

शालिनी इंदौर के संयोगितागंज थाने में तैनात हैं। मिशन एमजीएम उनका पहला ऑपरेशन था। उसके पिता भी पुलिस में थे। 2010 में उनकी मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद शालिनी की मां की भी एक साल बाद मौत हो गई थी। अपने पिता से प्रेरित होकर शालिनी चौहान पुलिस में भर्ती हुईं।

मेडिकल स्टूडेंट्स बनकर ऑपरेशन को दिया अंजाम
शालिनी कॉर्मस की छात्र हैं। लेकिन मिशन के लिए वो नर्स की भूमिका में पहुंची। वर्दी पहनने की जगह शालिनी जींस और टॉप पहनकर हर रोज कैंपस पहुंचती थी। उनके हाथों में किताबों से भरा बैग होता था।

हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को शालिनी चौहान ने बताया- हमारे प्रभारी अधिकारी तहजीब काजी और एसआई सत्यजीत चौहान जांच को लीड कर रहे थे। उन्होंने कुछ छात्रों को चिन्हित किया था जिनके ऊपर मुझे नजर रखनी थी। मैं हर रोज पांच-छह घंटे कैंटीन में, थोड़े-थोड़े अंतराल पर समय बिताती थी। ऐसा इसलिए करती थी कि लगे की मैं पूरा दिन घूमती नहीं हूं काम भी करती हूं। कैंटीन में मैं तरह-तरह के लोगों से बात करती थी।धीरे-धीरे, हम उन लोगों की पहचान करने लगे जो फ्रेशर्स की रैगिंग कर रहे थे।

किसी को नहीं हुआ शक
शालिनी ने बताया कि इतने हफ्तों तक किसी को भी ये एहसास नहीं हुआ कि मेरा मेडिकल फील्ड से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा- किसी के पास कोई सुराग नहीं था, हमने उन संदिग्धों के अपराध का खुलासा कर दिया। वहीं, काजी ने ऑपरेशन की सफलता का श्रेय अपनी टीम की कड़ी मेहनत को दिया है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से अंधा मामला था। हमें व्हाट्सएप के जरिए एक गुमनाम शिकायत मिली थी, जहां फ्रेशर्स को रैगिंग के लिए बुलाया गया था। काजी ने कहा, कॉलेज का दौरा करने के लिए एक अंडरकवर टीम का गठन किया गया थाॉ। जो हॉस्टल और छात्रों से बात करती थी।

छात्रों ने आसानी से किया भरोसा
तहजीब काजी ने बताया- जांच अधिकारी सत्यजीत चौहान कुछ छात्रों के खिलाफ सबूत इकट्ठा करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन यह असंभव लग रहा था क्योंकि वे डर गए थे और उन्हें आसानी से पहचान सकते थे। जब हमने ये फैसला किया और कांस्टेबल शालिनी इस ऑपरेशन के लिए सही थीं। उन्होंने कहा, “वह एक कॉलेज जाने वाली छात्रा की तरह दिखती है और अन्य पुलिस अधिकारियों के विपरीत बात करती हैं। जिसके कारण छात्रों ने उस पर आसानी से भरोसा करना शुरू कर दिया।

शालिनी ने बताया कि ऐसा करना आसान नहीं था। मुझे मेरे सीनियर्स के द्वारा छात्रों के साथ बातें शेयर करने के लिए कहा गया था जिससे उन्हें मुझसे बात करने में आसानी होगी। ऐसे कई मौके आए जब मुझे छात्रों के नकली नाम बताने पड़े और ऐसा दिखावा करना पड़ा जैसे मुझे पता है कि क्या हो रहा है। मेरी कहानियां सुनकर, अन्य छात्र तुरंत बात करना शुरू कर देते और मुझे जानकारियां मिलने लगीं। शालिनी एमपी के देवास जिले के बागली शहर की रहने वाली हैं। सत्यजीत चौहान ने कहा कि उन्होंने मामले में युवा पुरुष पुलिस अधिकारियों का भी इस्तेमाल किया था। संजय और रिंकू जैसे नए लोगों को छात्रों से बात करने के लिए कहा गया और उन्होंने शालिनी को जानकारी दी, जो तथ्यों की पुष्टि करेगी।

शालिनी ने बताया कि मैं कैंटीन पर या कैंपस पर बैठकर इन 11 छात्रों को देखती थी जो मेरे टारगेट थे। उनका व्यवहार बहुत रूखा और आक्रामक था। पहचाने गए 11 संदिग्धों में से नौ एमपी के हैं, और एक-एक बंगाल और बिहार का है। गुरुवार को जब उन्हें संयोगितागंज थाने बुलाया गया और नोटिस थमाया गया तो वे दंग रह गए। सीनियर स्टूडेंट जूनियर को फ्लैट पर बुलाते थे। उनसे आपत्तिजनक सामग्री पर छात्राओं के नाम लिखवाते थे।

Latest articles

बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल बने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष

भोपालबैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल बने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष,बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल...

भेल में प्रशासनिक फेरबदल 

भेलभेल भोपाल यूनिट में प्रशासनिक फेरबदल किया गया है l विभागों में फेरबदल...

Fatty Liver Causes: फैटी लीवर से बचना है तो इन चीज़ों से करें परहेज़ हकीम सुलेमान ख़ान के ख़ास नुस्ख़े

Fatty Liver Causes: लिवर की बीमारियों के पीछे सबसे बड़ा कारण हमारी खराब लाइफस्टाइल...

More like this

बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल बने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष

भोपालबैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल बने भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष,बैतूल विधायक हेमंत विजय खंडेलवाल...

भारतीय स्टेट बैंक के स्थापना दिवस पर किया वृक्षारोपण

भोपालभारतीय स्टेट बैंक के स्थापना दिवस पर किया वृक्षारोपण,भारतीय स्टेट बैंक शाहपुरा शाखा ने...

Kachra Cafe Bhopal:भोपाल में खुलेंगे तीन कचरा कैफ़े कूड़ा लाओ नाश्ता-खाना ले जाओ

Kachra Cafe Bhopal: भोपाल वासियों को जल्द ही अपने घरेलू कचरे को बेचने और...