हाफिज सईद के घर यूपी के डॉन बबलू श्रीवास्तव ने करवाया था हमला? पाकिस्तान खुद ले रहा नाम

इस्लामाबाद

पाकिस्तान इन दिनों उत्तर प्रदेश के एक माफिया डॉन के नाम से घबराया हुआ है। पाकिस्तानी गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने यूपी की जेल में बंद उस माफिया डॉन का नाम खुद लिया है। सनाउल्लाह ने दावा किया है कि यह माफिया डॉन भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का एजेंट है। इस माफिया डॉन का नाम बबलू श्रीवास्तव है। बबलू श्रीवास्तव इस समय उत्तर प्रदेश के बरेली जेल में बंद है। पाकिस्तानी गृह मंत्री ने आरोप लगाया कि बबलू श्रीवास्तव ने लश्कर-ए-तैयबा सरगना हाफिज सईद के लाहौर स्थित घर के बाहर विस्फोट करवाया था। यह घटना 23 जून, 2021 को सुबह 11:09 बजे लाहौर के जौहर टाउन में हुई। इस विस्फोट में तीन लोग मारे गए थे, जबकि एक पुलिस कांस्टेबल सहित 24 अन्य लोग घायल हो गए थे। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि इससे सड़क पर चार फुट गहरा और आठ फुट चौड़ा गड्ढा हो गया था। इससे आसपास के कई घरों और दुकानों को नुकसान पहुंचा था।

पाक गृह मंत्री और पुलिस आईजी ने बबलू श्रीवास्तव का लिया नाम
राणा सनाउल्लाह के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आए पंजाब काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट के इंस्पेक्टर जनरल इमरान महमूद ने भी बबलू श्रीवास्तव को 2021 में हाफिज सईद के घर के बाहर हुए विस्फोट का मास्टरमाइंड बताया। उन्होंने दावा किया, ”बबलू श्रीवास्तव भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का फ्रंट मैन है। वह रॉ के टेरर फाइनेंसिंग और फैसिलेटिंग नेटवर्क को चलाता है।” इमरान महमूद ने संजय कुमार तिवारी नाम के एक और व्यक्ति के रॉ ऑपरेटर होने का दावा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि संजय कुमार तिवारी बबलू श्रीवास्तव के टेरर नेटवर्क का सुपरवाइजर है। उन्होंने कहा कि संजय का असलम खान नाम के रॉ एजेंट से कनेक्शन है। उन्होंने यह भी दावा किया कि संजय तिवारी समी उल हक और नवीद अख्तर का हेंडलर था, जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया था।

कौन हैं बबलू श्रीवास्तव
बबलू श्रीवास्तव अडंरवर्ल्ड में किडनैपिंग किंग के नाम से कुख्यात है। वह कॉलेज से निकलने के बाद जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह बन गया था। बबलू श्रीवास्तव का असली नाम ओम प्रकाश श्रीवास्तव है। वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले का रहने वाला है। उसके पिता विश्वनाथ प्रसाद श्रीवास्तव कॉलेज प्रिंसिपल थे। उसके बड़े भाई सेना में अधिकारी पद पर कार्यरत हैं। बबलू श्रीवास्तव एक अधिकारी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। जून साल 1999 से वह सेंट्रल जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में बंद है। बबलू श्रीवास्तव के कनेक्शन डी कंपनी के सरगना और 1993 मुंबई धमाकों के मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम से भी जुड़े थे। वह 1993 धमाके के बाद से ही दाऊस के साथ संबंधों और दूसरी घटनाओं को लेकर पुलिस के निशाने पर था। एक अधिकारी की हत्या के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था।

जुर्म के दलदल में कैसे फंसा बबलू श्रीवास्तव
बबलू श्रीवास्तव 1982 में लखनऊ विश्वविद्यालय से लॉ कर रहा था। उस साल विश्वविद्यालय में छात्रसंघ के चुनाव हो रहे थे। इसमें बबलू के दोस्त नीरज जैन महमंत्री पद के प्रत्याशी थे। उनके चुनाव प्रचार के दौरान छात्रों के दो गुटों में झगड़ा हुआ, जिसमें एक गुट ने दूसरे गुट के एक छात्र को चाकू मार दी। घायल छात्र लखनऊ के माफिया अरुण शंकर शुक्ल उर्फ अन्ना का करीबी था। इस मामले में अन्ना ने बबलू श्रीवास्तव को मुख्य आरोपी बनवाकर जेल भिजवा दिया था। कुछ दिन में बबलू की जमानत हो गई, लेकिन बाहर आते ही अन्ना के इशारे पर उसे एक स्कूटर चोरी मामले में फिर जेल भेज दिया गया। इसके बाद बबलू का अपने घरवालों से भी मनमुटाव हो गया और वह अरुण शंकर शुक्ला के विरोधी गुटों के संपर्क में आ गया। इसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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