पटना
बिहार के सारण में 13 दिसंबर को शुरू हुआ मौतों का सिलसिला रुक नहीं रहा है। मरने वालों की संख्या 39 हो गई है। बताया जा रहा है कि ये सभी मौतें जहरीली शराब पीने से हुई हैं। पीड़ितों के परिवार वाले देसी शराब पीने की बात कह रहे हैं। इनका इलाज करने वाले डॉक्टर्स का भी मानना है कि शुरुआती तौर पर ऐसा लगता है कि बीमारी और मौतों की वजह जहरीली शराब है। प्रशासन स्पष्ट तौर पर यह नहीं कह रहा, लेकिन आशंका से इनकार भी नहीं कर रहा है। 13 से 15 तारीख के बीच ये सभी मौतें हुई हैं।
छपरा सदर अस्पताल में अभी भी कम से कम आधा दर्जन लोग गंभीर हालत में भर्ती हैं। दो दर्जन से ज्यादा लोग कई निजी अस्पतालों में इलाज करवा रहे हैं। 40 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में आशंका है कि मौत का आंकड़ा और बढ़ सकता है। बिहार विधानसभा में 15 दिसंबर को लगातार दूसरे दिन, इस मसले पर जोरदार हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ विपक्ष ने नारे लगाए। सीएम का कहना है कि दोषियों पर कार्रवाई होगी। लेकिन, मुख्यमंत्री के वादों पर विपक्ष यकीन नहीं कर रहा है।
दरअसल, सारण के जिस इलाके में यह घटना हुई है, उसी इलाके में चार महीने पहले भी ऐसा हुआ था। तब जहरीली शराब पीने से 18 लोगों की मौत हुई थी। लेकिन, पुलिस की सुस्ती के कारण शराबबंदी के बावजूद शराब का धंधा बदस्तूर जारी रहा।मरने वालों में ज्यादातर गरीब और मजदूर हैं। अस्पताल में कई मरीजों ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक वे अक्सर शराब पीते हैं और उन्हें गांव में ही शराब मिल जाती है।
अब तक क्या हुआ है एक्शन
मशरक के थानेदार रितेश मिश्रा और चौकीदार बिकेश तिवारी को निलंबित कर दिया गया है। SDPO पर विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ उनका तबादला किया जा रहा है। सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई है। एसआईटी का नेतृत्व सोनपुर एएसपी अंजनी कुमार को दिया गया है। 20 लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।
लाश एंबुलेंस से उतारने तक के लिए आदमी नहीं
मशरक, इसुआपुर और अमनौर गांवों में हालत यह है कि कोई एम्बुलेंस गाड़ी आते ही लोग सहम जाते हैं। हर बार मरीज के बदले लाश ही उतरती है। कई घरों के बाहर सफेद कपड़े में लिपटी लाशों के बीच गांव में सन्नाटा है। परिजनों की सिसकियां ही इस सन्नाटे को तोड़ रही हैं। मारे गए 38 लोगों में से कई का परिवार वाले चुपके से अंतिम संस्कार भी कर रहे हैं, जबकि 22 शवों का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार हुआ है।
नीतीश कुमार को आया गुस्सा
14 दिसंबर को बिहार विधानसभा में छपरा में हुई मौतों पर खूब गरमागरमी हुई। सदन में भड़कते हुए नीतीश कुमार ने विपक्ष (भाजपा) के सदस्यों से कहा कि जब शराबबंदी कानून बना था तब तो साथ थे। गुस्से में चिल्लाते हुए उनका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने कहा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी
बिहार के सारण जिले के छपरा थाना क्षेत्र में हुई इस घटना के बारे में एसपी एस कुमार ने बताया, “शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। ये संदिग्ध मौतें लग रही हैं। मुझे यह भी जानकारी मिली है कि कुछ और लोगों का अलग-अलग जगहों पर इलाज चल रहा है।” शुरुआती तौर पर एसपी ने तीन मौतों की पुष्टि की थी। लेकिन, मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती गई। वहीं, बिहार के आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों पर कहा कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छपरा में मंगलवार रात से शुरू हुआ मौतों का सिलसिला
जानकारी के मुताबिक बिहार के मशरक और सीमावर्ती इसुआपुर के दोइला गांव में मंगलवार रात कई लोगों की तबीयत खराब हो गई। इनमें से सात लोगों ने एक-एक कर दम तोड़ दिया। अमनौर के हुस्सेपुर में भी चार लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा मढौरा के लाला टोला में एक शख्स के मरने की सूचना है। इन सभी की मौत जहरीली शराब पीने के चलते होने की बात कही जा रही है। प्रशासन की ओर से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है।