मुंबई
केंद्रीय कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता नारायण राणे ने दिशा सालियन मौत मामले में उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे पर निशाना साधा है। खास तौर पर जिस तरह से शिंदे-फडणवीस सरकार ने दिशा सालियान मौत मामले की दोबारा एसआईटी जांच कराने की बात कही है तबसे मातोश्री की नींद उड़ गई है। राणे ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने बहुत सारे भ्रष्टाचार के मामलों को दबाकर रखा हुआ है वो सबकुछ अब बाहर आएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत चुनाव में मिली हार, महाविकास अघाड़ी का फ्लॉप मोर्चा और अब दिशा सालियान मामले में एसआईटी की जांच इन तीनों मामलों ने उद्धव ठाकरे और उनके परिवार की नींद उड़ा दी है। राणे ने कहा कि अब तक उद्धव ठाकरे और उनके परिवार पर जो भी आरोप लगाए गए उन पर कोई बात नहीं करता, न तो उद्धव ठाकरे और न ही उनका बेटा आदित्य । उसे तो कब क्या बोलना है यह भी समझ में नहीं आता है।
सुशांत सिंह राजपूत और दिशा सालियान मौत मामले में आदित्य ठाकरे का भी हाथ है। मुख्यमंत्री रहते हुए उद्धव ठाकरे ने अपने बेटे को बचाने का पूरा प्रयास किया था। राणे ने कहा कि मुझे सब मालूम है। दिशा के मां-बाप को कहां बुलाया गया था, कहां रखा गया था। उन्होंने कहा कि एक पुलिस अधिकारी ने मुझे यह भी बताया था कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के समय आदित्य ठाकरे वहां मौजूद थे। जरूरत आने पर उस अधिकारी का भी नाम बताऊंगा। आदित्य ठाकरे कहते हैं कि मेरा इन सब बातों से कोई संबंध नहीं है। लोग उन्हें टाइगर कहते हैं, ये कैसा टाइगर है? सत्ता का दुरुपयोग करके एक युवती पर अत्याचार करना, क्या यह पुरुषार्थ है? अब सब कुछ बाहर आयेगा, जांच होने दो।
फडणवीस ने क्या कहा ?
महाराष्ट्र के गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर विधानसभा में दिशा सालियन मौत मामले को लेकर अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि दिशा सालियन डेथ केस की नए सिरे से एसआईटी के जरिए जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही एसआईटी का गठन किया जाएगा। इस मामले में जितने भी सबूत या नई जानकारियां हैं उसे उपलब्ध करवाया जाए। फडणवीस के इस ऐलान के साथ ही आदित्य ठाकरे की मुश्किलें इस मामले में बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि किसी को परेशान करने के लिए यह जांच नहीं करवाई जा रही है। बीजेपी विधायक नितेश राणे ने आज सुबह विधानसभा में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से इस मामले की दोबारा जांच करवाए जाने की मांग की थी। इस मुद्दे पर विधानसभा को कुछ मिनटों के लिए स्थगित भी किया गया था।