कैमरे पर फुल कॉन्फिडेंस में कैसे 3 दिन तक सदमे में रही ‘सहेली’? निधि पर उठे 10 बड़े

नई दिल्ली

दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके की अंजलि सिंह की भयावह मौत पर चुप्पी साधे रही उसकी सहेली निधि लगातार सवालों के घेरे में आ रही है। सहेली की मौत पर इस तरह खामोशी अख्तियार करने को लेकर उसकी मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। निधि के मुताबिक वह अंजलि की सहेली है, लेकिन अंजलि के परिजनों का दावा है कि निधि कौन है, उन्हें कुछ नहीं पता। यह सवाल इसलिए भी गहरा जाता है क्योंकि 31 दिसंबर को निधि और अंजलि के बीच फोन पर 20 से 25 बार बात हुई थी। तो क्या दोनों सच में दोनों के बीच काफी गाढ़ी दोस्ती थी या फिर उस दिन पार्टी को लेकर ही बार-बार बातचीत हो रही थी? आइए ऐसे ही 10 बड़े सवालों की फेहरिस्त देखते हैं जो निधि के दामन से लिपट चुकी है…

सवाल नंबर 1: निधि दुर्घटना के बाद पुलिस थाने के पास से गुजरते हुए पैदल अपने घर गई। फिर भी पुलिस को हादसे की जानकारी क्यों नहीं दी? बड़ी बात है कि मीडिया में खबरें आने के बाद भी निधि ने पुलिस की मदद करने करके अपनी सहेली को न्याय दिलाने में मदद क्यों नहीं की?

सवाल नंबर 2: अगर अकेले थाने जाना उचित नहीं समझा तो घर आकर भी मामले को पुलिस में रिपोर्ट करने की कोशिश क्यों नहीं की? घरवालों या पड़ोसियों की मदद से पुलिस से संपर्क करने का प्रयास क्यों नहीं किया?

सवाल नंबर 3: निधि और अंजलि रोहिणी के जिस होटल में पार्टी करने गई थीं, वह हादसे की जगह से करीब ढाई किमी की दूरी पर है। सवाल है कि स्कूटी से यह ढाई किलोमीटर की दूरी तय करने में 30 मिनट कैसे लग गए जब रात में ट्रैफिक की समस्या भी नहीं होती है?

सवाल नंबर 4: यह सवाल भी बड़ा है कि आखिर जब दोनों ने होटल में कमरा बुक कर रखा था तो फिर इतनी रात घर जाने की जरूरत क्या थी, खासकर इतनी ठंड में और वह भी स्कूटी से? उससे भी गंभीर सवाल यह है कि निधि के मुताबिक, अगर अंजलि ने शराब पीकर स्कूटी चलाने की जिद्द पर अड़ गई तब निधि ने घर जाने का प्लान ही कैंसल क्यों नहीं कर दिया और अंजलि को होटल में ही रातभर रुक जाने के लिए क्यों नहीं मनाया?

सवाल नंबर 5: निधि का दावा है कि लाख मना करने के बावजूद होटल से ही अंजलि ने ही स्कूटी चलाई और कार एक्सिडेंट से पहले एक ट्रक से हादसा होते बचा था। बकौल निधि वह तब पीछे बैठी थी और पीछे से ही ब्रेक लगा दी और स्कूटी ट्रक में ठुकने से बच गई। अंजलि फिर भी ड्राइव करती रही तो निधि ही स्कूटी से क्यों नहीं उतर गई?

सवाल नंबर 6: आगे जाकर जब स्कूटी बलेनो कार से टकरा गई तब अंजलि कार के नीचे फंस गई। निधि का दावा है कि निधि के फंसने के बाद कार दो बार पीछे-आगे हुई और तीसरी बार काफी स्पीड से भाग गई। इतना भयावह दृश्य देखकर भी निधि शांत कैसे रही, उसने शोर क्यों नहीं किया? उसने कार में बैठे लड़कों को इतना भी बताने की जहमत क्यों नहीं उठाई कि नीचे अंजलि फंसी है? निधि ने अंजलि को बचाने का कोई प्रयास क्यों नहीं किया?

सवाल नंबर 7: निधि ने कहा कि हादसे की जगह से उसका घर नजदीक है, इसलिए उसने हादसे के बाद पैदल ही घर चल पड़ी। लेकिन सीसीटीवी कैमरे में कैद वीडियो के मुताबिक निधि मुख्य सड़क से न जाकर गलियों से होकर घर गई। आखिर क्यों? क्या निधि पूरा सोच-समझकर हादसे पर पर्दा डालने पर तुली थी?

सवाल नंबर 8: अंजलि के परिजनों का आरोप है कि निधि ने अंजलि से जान-पहचान को लेकर भी झूठ बोला है। अंजलि के परिवार ने दावा किया कि उन्होंने निधि को ना तो पहले कभी देखा था और ना ही उसके बारे में पहले कभी सुना ही था। फिर निधि का अंजलि से क्या रिश्ता था? अगर दोनों सहेलियां थीं, तब कब से?

सवाल नंबर 9: निधि लगातार इस बात पर अड़ी है कि अंजलि ने होटल में खूब शराब पी थी। उसका दावा है कि इसी वजह से वह अंजलि को स्कूटी ड्राइव करने से मना करती रही। लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में तो अंजलि के शरीर में अल्कोहल नहीं पाया गया। फिर अंजलि के शराब पीने के दावे को लेकर निधि सही है या पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट?

सवाल नंबर 10: निधि ने उस लड़की की दर्दनाक मौत पर चुप्पी साधे रखा जिसे वो अपनी सहेली बताती है। उसका कहना है कि हादसे से वो इस कदर खौफ खा गई कि उसे सूझा ही नहीं कि क्या किया जाए? लेकिन क्या वो तीन दिन तक सदमे में ही थी? अगर ऐसा है तो पुलिस ने जब उसे ढूंढ निकाला और मीडिया के कैमरे उसके सामने आए तो फिर निधि के बात-व्यवहार और चेहरे से वह सदमा कहां चला गया? मीडिया कैमरों पर तो काफी कॉन्फिडेंस में बात कर रही है निधि, आखिर उसकी बातचीत के तरीकों से किसे लग रहा होगा कि निधि सदमे में है? क्या उसका सदमा तभी तक था जब तक उसे पुलिस ने खोज नहीं निकाला? ये कैसे संभव हो सकता है?

पड़ोसी को क्यों नहीं महसूस हुआ निधि का खौफ?
ध्यान रहे कि निधि के पड़ोसी निशांत का दावा है कि निधि जब देर रात घर लौटी, उस वक्त वह जगा हुआ था। उसने देखा कि निधि बिल्कुल सामान्य थी और तनिक भी नहीं डरी हुई थी। उसके घर का दरवाजा बंद था। उसने दरवाजा खोलने की कोशिश की। दरवाजा नहीं खुला तो निधि ने निशांत के घर में अपना फोन चार्ज पर लगाया। जब निशांत ने निधि के चेहरे पर चोट का निशान देखा तो उसने पूछा भी कि यह कैसे हुआ। तब निधि ने बस इतना कहा कि स्कूटी दुर्घटनाग्रस्त हो गई। आखिर तब यह भी तो बता सकती थी कि स्कूटी उसकी सहेली ड्राइव कर रही थी जो कार में फंसकर घिसटती चली गई। पता नहीं उसका क्या हुआ होगा। निधि अगर डरी हुई थी तो निशांत को उसके चेहरे पर वह खौफ क्यों नहीं दिखा?

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