नई दिल्ली
श्रद्धा वालकर मर्डर केस में आरोपी आफताब पूनावाला ने कबूल कर लिया है कि उसने ही श्रद्धा का मर्डर किया था और बॉडी के टुकड़े-टुकड़े कर दिए थे। उसने श्रद्धा की पहचान छुपाने के लिए और भी कई काम किए थे ताकि किसी को पता ना चल सके कि शव श्रद्धा का है।
श्रद्धा का इंस्टाग्राम कर रहा था हैंडल
आफताब ने कबूलनामे में यह बात भी स्वीकार की है कि उसने श्रद्धा की बॉडी के छोटे-छोटे टुकड़े करके उन्हें छतरपुर के पास महरौली के जंगलों में फेंक दिया था। इसके अलावा, वह लगातार श्रद्धा के इंस्टाग्राम को हैंडल करता रहा और एक्टिव रहा ताकि किसी को कोई शक ना हो और लोगों को लगे कि श्रद्धा जिंदा है, जबकि वह पहले ही उसकी हत्या कर चुका था। आज अपने कबूलनामे में उसने ये सारी बातें कबूल की हैं।
उसने अपने कबूलनामे में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आफताब ने बताया कि उसने लाश के कई टुकड़ों को पेट्रोल से जलाया था और हड्डियों को ग्राइंडर में पीसकर उसके पाउडर को सड़क पर फेंक दिया था। इसके अलावा, उसने बताया कि श्रद्धा और उसके बीच अक्सर लड़ाईयां होती थीं इसलिए उन्होंने रिश्ते को सुधारने के लिए ट्रिप भी प्लान की थी। वे दोनों 28-29 मार्च, 2022 को मुंबई से निकले और हरिद्वार पहुंचे थे।
दोस्त ने घर से निकाला
आफताब ने बताया कि हरिद्वार के बाद ये दोनों ऋषिकेश, देहरादून, मसूरी, मनाली और चंडीगढ़ घूमने के बाद पारवती वैली गए। यहां उनकी मुलाकात बद्री नाम के एक लड़के से हुई, जो दिल्ली में रहता था। एक महीने की ट्रिप के बाद श्रद्धा और आफताब, दिल्ली में बद्री के घर गए। यहां 8-10 दिन रुकने के बाद ब्रदी ने दोनों को उसके घर से जाने के लिए कह दिया क्योंकि उनके बहुत झगड़े होते थे। इसके बाद उन्होंने 15 मई, 2022 को एक ब्रोकर के जरिए दिल्ली के छतरपुर में एक मकान किराए पर ले लिया।
खर्चे की बात पर हुआ था विवाद
कबूलनामे में आफताब ने कहा कि इस दौरान दोनों के पास जॉब नहीं थी और ज्यादातर पैसा ट्रिप पर खत्म हो गया। ऐसे में फिर से दोनों के बीच झगड़े होने लगे। आफताब ने कहा कि 18 मई को श्रद्धा ने उससे मुंबई के वसई वाले घर से सामान लाने के लिए कहा। इस पर आफताब ने तबीयत खराब होने की बात कहकर जाने से मना कर दिया। इस पर श्रद्धा भड़क गई और उसने कहा कि दोनों के पास ज्यादा सामान नहीं है और रोज-रोज बाहर का खाना खाकर सेहत खराब हो जाएगी।
कबूलनामे के मुताबिक, आफताब ने श्रद्धा से आधा पैसा देने की बात कही तो वो आग बबूला हो गई। आफताब ने बताया कि उसने झगड़ों से परेशान होकर हमेशा के लिए छुटकारा पाने की ठान ली। इसके बाद उसने श्रद्धा को जमीन पर गिरा दिया और छाती पर बैठकर उसका गला घोंटा, जिससे श्रद्धा की मौत हो गई।
कबूलनामे के मुताबिक, उसने बॉडी को बाथरूम में छिपाया और लाश के टुकड़े करने के लिए हैमर, आरी और तीन ब्लेड खरीदे। कबूलनामे में उसने बताया कि 19 मई को आफताब ने मंदिर वाली रोड छतरपुर के पास एक दुकान से ट्रैश बैग, चाकू और एक चॉपर खरीदा था। इस चाकू से उसके हाथ पर कट भी लग गए थे, जिसका उसने पड़ोस के ही एक डॉक्टर से इलाज करवाया था।