शिवसेना पर कब्जे की जंग अब सुप्रीम कोर्ट में, ECI के फैसले को चुनौती देगा उद्धव गुट

मुंबई/ नई दिल्ली,

शिवसेना का नाम और चुनाव निशान चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को दे दिया था. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया था. अब उद्धव ठाकरे गुट ने भी सर्वोच्च न्यायालय का रुख कर लिया है. शिंदे गुट की कैविएट के जवाब में उद्धव गुट की ओर से आज ही ऑनलाइन अर्जी दाखिल की जाएगी.

उद्धव ठाकरे गुट की ओर से चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देते हुए आज ऑनलाइन याचिका दाखिल कर 20 फरवरी को अर्जेंट सुनवाई की गुहार लगाई जाएगी. उद्धव ठाकरे गुट ने निर्वाचन आयोग के आदेश को दोषपूर्ण बताते हुए इस पर स्टे लगाने की गुहार सुप्रीम कोर्ट में लगाने का निर्णय लिया है. सोमवार को कोर्ट के समक्ष इसे मेंशन किया जाएगा.

ठाकरे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दलीलें देने वाले सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल के मुताबिक याचिका में निर्वाचन आयोग के आदेश में कानूनी खामियों के आधार पर फैसले को चुनौती दी जाएगी. चुनौती याचिका के मुख्य आधार में आदेश का वो हिस्सा है जिसमें कहा गया है कि शिवसेना के संविधान में बदलाव एकतरफा था यानी लोकतांत्रिक तौर पर बहुमत की सहमति से संशोधन नहीं किया गया था.

उन्होंने सवाल किया कि इसी संशोधन को आयोग ने पिछले साल जुलाई में हुए घटनाक्रम यानी एकनाथ शिंदे की बैठक के सिलसिले में सही मान्यता दी थी. जब उद्धव गुट का वहीं संशोधन अलोकतांत्रिक था तो शिंदे गुट का वही संशोधन अब गलत कैसे हो गया? निर्वाचन आयोग में सांसदों और विधायकों को आम चुनाव में मिले वोट को मान्यता का आधार बनाया जाता है लेकिन जो उम्मीदवार चुनाव हारे थे, वोट तो उनको भी मिले थे.

उद्धव ठाकरे गुट का ये भी कहना है कि उसे आधार और आंकड़ों में क्यों नहीं शामिल किया गया? आखिर वो वोट भी तो जनता ने ही दिए थे. इसके अलावा भी कई ऐसे तकनीकी बिंदु और कानूनी पेंच हैं जिनको अर्जी का आधार बनाया गया है. उद्धव गुट का दावा है कि संगठन में शिंदे गुट कमजोर था और इसी वजह से बहुमत से फैसला लेने के लिए चुनाव आयोग ने उनकी ओर से पार्टी संविधान में बदलाव को अलोकतांत्रिक घोषित कर दिया जिससे इसे किनारे किया जा सके.

शिंदे गुट ने दाखिल की थी कैविएट
शिवसेना का नाम और निशान मिलने से उत्साहित शिंदे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल कर ये मांग कर दी थी कि बिना उनका पक्ष सुने कोई भी एकतरफा आदेश पारित न किया जाए. हालांकि, इससे पहले उद्धव गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट जाने के कोई संकेत नहीं दिए गए थे. शनिवार को उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग के फैसले पर मंथन के लिए अपने गुट के नेताओं की बड़ी बैठक बुलाई थी.

माना ये जा रहा था कि बैठक के बाद उद्धव गुट की ओर से चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया जा सकता है. उद्धव गुट की नेता और राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के बयान ने इन कयासों को और हवा दे दी थी जिसमें चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि अब लोकतंत्र की रक्षा सुप्रीम कोर्ट को ही करनी होगी.

उद्धव के संबोधन में नहीं कोर्ट का जिक्र
उद्धव ठाकरे ने जब बैठक के बाद मातोश्री के बाहर जुटे समर्थकों को संबोधित किया, सभी कयासों और अटकलों पर विराम लग गया. उद्धव ने शिंदे गुट को धनुष बाण के साथ चुनाव मैदान में उतरने की चुनौती दी और मसाल के साथ मुकाबला करने का संदेश अपने कार्यकर्ताओं को दिया. उद्धव ने समर्थकों को ये भी संदेश दिया कि गली-गली जाकर ये बताओ कि हमारा चुनाव चिह्न चोरी हो गया.

उद्धव ठाकरे के पूरे संबोधन में चुनाव आयोग के फैसले को लेकर कोर्ट जाने का कोई जिक्र नहीं हुआ. उद्धव के संबोधन के बाद देर शाम शिंदे गुट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किए जाने की खबर आई. उम्मीदों के विपरीत शिंदे गुट ही पहले सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया. शिंदे गुट के बाद अब ये साफ हो गया है कि उद्धव गुट भी सुप्रीम कोर्ट जाएगा.

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