‘क्षत्रियों से BJP को नफरत’ UP के डीजीपी रहे सुलखान की पोस्ट से हंगामा

लखनऊ ,

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और रिटायर्ड आईपीएस अफसर सुलखान सिंह की एक फेसबुक पोस्ट से हंगामा मच गया है. बुधवार सुबह की गई पोस्ट में सुलखान ने भारतीय जनता पार्टी को क्षत्रियों से नफरत करने वाली पार्टी करार दिया. साथ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं.

‘भाजपा की क्षत्रियों से नफरत और गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण’ शीर्षक से लिखी गई पोस्ट में सुलखान सिंह ने लिखा, ”काफी पहले मैंने गरीब सवर्णों के लिए आरक्षण का विरोध किया था. मैंने स्पष्ट लिखा था कि एक चाल है कुछ लोगों द्वारा बचे खुचे पचास प्रतिशत पदों को हड़पने का षड्यंत्र है. गरीबी का पैमाना ऐसे बनाया जाएगा कि EWS का प्रमाण पत्र कुछ वर्ग के लोग ही ले जाएंगे.

अभी अपने एक रिश्तेदार के मामले में इस व्यवस्था को देखा. EWS के लिए आठ लाख सालाना आय रखी गई है. लेकिन यदि किसी के पास पांच एकड़ या अधिक कृषि भूमि है तो वह EWS के दायरे से बाहर हो जाएगा, भले ही उसकी आय कुछ भी हो.

कोई भी व्यक्ति यह समझ सकता है कि पांच एकड़ जमीन से आठ लाख तो दूर, चार लाख भी नहीं सकता है. यह शासनादेश भारत सरकार द्वारा जानबूझकर खेतीबाड़ी में लगे सवर्णों को आरक्षण श्रेणी से बाहर रखने के लिए जारी किया गया है. खेतीबाड़ी ही जिनकी आजीविका है और जो पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में नहीं आते हैं, वे हैं क्षत्रिय.

अनारक्षित सवर्णों में क्षत्रिय ही ऐसे हैं जो अधिकांश खेतीबाड़ी पर निर्भर हैं. पांच एकड़ की यह सीमा जानबूझकर क्षत्रियों को आरक्षण से बाहर करने के लिए की गई है. भाजपा सरकार क्षत्रिय विरोधी है, क्षत्रियों से नफरत करती है. और क्षत्रिय हें कि भाजपा की चाल में फंसकर अपनी ही दुर्दशा पर आगे आगे उछल रहे हैं. ”

बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की पहली सरकार में ही सुलखान सिंह पहले डीजीपी बनाए गए थे. कार्यकाल पूरा होने के बाद भी उत्तर प्रदेश सरकार ने सुलखान सिंह को 3 माह का एक्सटेंशन भी दिया था.

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