‘गंदे और बदबूदार सिखों को एक दिन मुसलमान बनाएंगे’ पाकिस्‍तान के मौलाना ने उगली आग

लाहौर

इन दिनों कई ऐसे वीडियोज सामने आ रहे हैं जो पाकिस्‍तान से हैं और जिनमें सिखों को लेकर कई तरह की आपत्तिजनक बातें कहीं जा रही हैं। देश के एक सूफी संत मौलाना डॉक्‍टर मोहम्‍मद सुलेमान का एक ऐसा ही वीडियो इस समय शेयर हो रहा है। इस वीडियो में सुलेमान ने सिख और उनके धर्मगुरु गुरुनानक देव के बारे में कई आपत्तिजनक बातें कही हैं। सुलेमान ने सिखों को गंदा और बदबूदार बता रहे हैं। उनकी मानें तो वह एक दिन सभी सिखों को इस्‍लाम कबूल करवाकर ही रहेंगे। इससे पहले भी एक मौलवी का वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उन्‍होंने गुरुनानक देव पर कई तरह की विवादित टिप्‍पणियां की हैं।

गुरुनानक के पीछे भागकर भी गंदे काम
वीडियो में सुलेमान को कहते हुए सुना जा सकता है, ‘मुझे सिखों के काफी फोन आते हैं। अब जो है सो है लेकिन मैं बहुत हैरान हूं। हमारे पैंगबर ने तो हमसे बगल के बाल भी साफ करने को कहा है। मैं लाहौर में पढ़ता था इसलिए मैंने इन्‍हें देखा है। अल्‍लाह मुझे माफ करे, ये सिख इतने गंदे हैं। इनके दाढ़ी होती है। हम इन सिखों को एकदिन मुसलमान बनाएंगे। हमारे पास पूरा एक प्‍लान है और अभी इसे आगे न लेकर जाएं।’ सुलेमान यहीं नहीं रुके बल्कि उन्‍होंने यहां तक कह दिया कि सिखों के जो गुरु थे, पता नहीं वो क्‍या थे। सुलेमान की मानें तो पैगंबर उन्‍हें कहीं ज्‍यादा महान थे। सुलेमान को कहते हुए सुना जा सकता है कि सिख अपने गुरु के पीछे भाग रहे हैं और फिर भी गंदे-गंदे काम करते हैं।

पाकिस्‍तानी मौलवी के जहरीले बोल
सुलेमान से पहले पाकिस्‍तान के एक मौलवी की क्लिप को जमकर शेयर किया गया था। इस क्लिप में मौलवी ने सिखों के गुरु, गुरुनानक के बारे में कई बातें कही थीं। मौलवी का कहना था कि गुरुनानक ने कलमा नहीं पढ़ा था और इस्‍लाम कबूल नहीं किया था। इसलिए वह अच्‍छे इंसान नहीं हो सकते थे। उनका कहना था कि भले ही गुरुनानक, बाबा फरीद को पसंद करते थे मगर ऐसा करने से तो वह मुसलमान नहीं हो जाते। सच्‍चा मुसलमान वही है जो कलमा पढ़े। उनकी इस क्लिप को उन लोगों के मुंह पर तमाचे की तरह माना गया जो खालिस्‍तान आंदोलन का समर्थन करते हैं।

ISI की खतरनाक साजिश
भारत के पंजाब राज्‍य में खालिस्‍तान बनाने की मांग को लेकर सन् 1980 के दशक की शुरुआत में एक आंदोलन की शुरुआत हुई। सिखों की तरफ से एक अलग देश बनाने की मांग पर शुरू हुई इस मुहिम को पाकिस्‍तान का समर्थन मिला। पाकिस्‍तानी आतंकियों ने इस आंदोलन की आड़ में भारत में कदम रखने शुरू कर दिए थे। साल 2021 में एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि पाकिस्‍तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई भारत में फिर से खालिस्‍तान आंदोलन को जिंदा करने की कोशिशों में लग गई है। इसके लिए उसे नवंबर 2019 में शुरू हुए करतारपुर कॉरिडोर को हथियार के तौर पर प्रयोग करना शुरू कर दिया है।

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