‘शिंदे के वर्षा बंगले का केटरिंग बिल 2 करोड़ 38 लाख, चाय में सोने का पानी मिलाते थे क्या?’ अजीत पवार को आया गुस्सा

मुंबई:

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सरकारी आवास ‘वर्षा’ बंगले के 4 महीने का खाने का बिल 2 करोड़ 38 लाख रुपये आया है। मीडिया ने ऐसी खबर दी है। वर्षा बंगले की चाय में कौन सा सुनहरा पानी मिलाया जाता है? महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने मुख्यमंत्री से यह गुस्से भरा सवाल पूछा है। पवार ने कहा कि हमने उपमुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया है। मेरे कई करीबी सहयोगी मुख्यमंत्री रहे, लेकिन उनके शासन काल में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। उन्होंने मुख्यमंत्री के काम पर नाराजगी जताई।

दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा का बजट सत्र कल यानी 27 फरवरी से शुरू हो रहा है। जो कि 25 मार्च तक चलेगा। सत्र की पूर्व संध्या पर विपक्षी दलों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिंदे-फडणवीस सरकार को आड़े हाथों लिया। विपक्ष ने कहा कि सरकार की शासन व्यवस्था को देखते हुए इस सरकार के दौर में किसान, मजदूर और मध्यम वर्ग के लोग खुश नहीं हैं। ऐसी सरकार आई है जो राज्य को कई सालों तक पीछे ले जाएगी। किसानों की थाली में संकट का कड़वा स्वाद है। तो चाय की मिठास क्यों? हम इस सरकार की ओर से आयोजित चाय पार्टी में कैसे जा सकते हैं? यह सवाल उठाते हुए विपक्षी दलों ने चाय समारोह का बहिष्कार किया।

अजीत पवार ने शिंदे सरकार ने पूछे कड़वे सवाल
एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद से ही आम शिवसैनिकों में भारी गुस्सा है। सत्ता बदलने के बाद से प्रदेश में एक भी नया उद्योग स्थापित नहीं हुआ है। इसके उलट यहां के उद्योग गुजरात जा रहे हैं। सत्ता पक्ष के विधायक गालियां दे रहे हैं, कोई मार रहा है तो कोई फायरिंग कर रहा है। प्रदेश में कानून व्यवस्था की पोल खुल गई है। विज्ञापन के नाम पर सरकार की ओर से 50 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। मुंबई नगर निगम से मिली जानकारी के मुताबिक वहां से 8 करोड़ रुपये खर्च किए जाने की खबर है। उनकी हंसती हुई फोटो दिखाने के लिए करोड़ों रुपए उड़ाए गए। मैंने राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में काम किया है। मेरे कई साथियों ने भी मुख्यमंत्री के रूप में काम किया है। वर्षा बंगले का 4 महीने का खाने का बिल 2 करोड़ 38 लाख रुपए आया है। बारिश के बाद चाय में कौन सा सुनहरा पानी मिलाना चाहिए? या पन्ने पर सोने का काम किया गया था? अजीत पवार ने इस तरह के सवाल पूछे और सत्ता पक्ष पर कड़ी आलोचना की।

चुनाव आयोग पर भी बोला हमला
शिवसेना के 40 लोगों ने अलग स्टैंड लिया। उन्होंने एकनाथ शिंदे का समर्थन करने का फैसला किया लेकिन पार्टी का नाम और पार्टी सिंबल एकनाथ शिंदे को कैसे दे दिया गया? इस पर सवाल उठाते हुए अजित पवार ने चुनाव आयोग पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि मनसे का एक ही विधायक है, तो कल अगर वह अलग रुख अपनाते हैं तो क्या मनसे उन्हें पार्टी और चुनाव निशान रेलवे इंजन देगी?

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