नई दिल्ली
अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी का नाम सबसे ज्यादा बार आया था। रिपोर्ट में कहा गया था कि विदेश में रहने वाले विनोद अडानी ने अडानी ग्रुप में फ्रॉड के लिए ऑफशोर कंपनियों के एक नेटवर्क का इस्तेमाल किया था। हाल में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि विनोद अडानी उन कंपनियों को कंट्रोल करते हैं जो अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी की मालिक हैं। अडानी ग्रुप ने पहली बार विनोद अडानी के बारे में अपने रिश्ते के बारे में बताया है। ग्रुप ने कहा कि विनोद अडानी प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा हैं।
अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज ने गुरुवार को शेयर बाजार को बताया, ‘हम यह बताना चाहते हैं कि गौतम अडानी और राजेश अडानी, अडानी ग्रुप की विभिन्न लिस्टेड कंपनियों के व्यक्तिगत प्रमोटर हैं और विनोद अडानी व्यक्तिगत प्रमोटर्स के नजदीकी रिश्तेदार हैं।’ इसमें आगे कहा गया कि इस तरह भारतीय नियमों के अनुसार विनोद अडानी, अडानी ग्रुप के भीतर विभिन्न लिस्टेड कंपनियों के प्रमोटर ग्रुप का हिस्सा हैं।’ हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर अपनी रिपोर्ट में 74 वर्षीय विनोद अडानी की भूमिका पर सवाल उठाए थे। इसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने शेयर की कीमत बढ़ाने के लिए हेरफेरी और लेखा धोखाधड़ी की।
पहले क्या कहा था
अडानी ग्रुप ने जनवरी में इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि विनोद अडानी के पास अडानी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों या उनकी सहायक कंपनियों में कोई मैनेजेरियल पद नहीं है और उनके दैनिक मामलों में उनकी कोई भूमिका नहीं है। शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक विनोद अडानी साइप्रस के नागरिक हैं। IIFL Wealth Hurun India Rich List 2022 के मुताबिक विनोद अडानी सबसे अमीर एनआरआई हैं। पिछले साल उनकी नेटवर्थ में 28 फीसदी यानी 37,400 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में एक महीने से ज्यादा समय तक भारी गिरावट आई थी और ग्रुप का मार्केट कैप 150 अरब डॉलर कम हो गया था। हालांकि अडानी ग्रुप ने रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का खंडन किया है।