अजय बंगा को पांच साल के लिए वर्ल्ड बैंक का अध्यक्ष बनाया गया

नई दिल्ली

भारतीय मूल के अजय बांगा को वर्ल्ड बैंक को प्रेजिडेंट चुन लिए गए हैं। वर्ल्ड बैंक की 25 सदस्यीय एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने उन्हें पांच साल के लिए इस पद पर इलेक्ट किया है। उनका कार्यकाल दो जून से शुरू होगा। मास्टरकार्ड के सीईओ रहे 63 साल के बांगा को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फरवरी के अंत में इस पद के लिए नॉमिनेट किया था। वह इस पद के लिए एकमात्र दावेदार थे, इसलिए उनकी नियुक्ति पक्की मानी जा रही थी। वह इस पर पहुंचने वाले पहले भारतीय-अमेरिकन हैं। अब तक इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड (IMF) या वर्ल्ड बैंक में भारतीय मूल का कोई भी व्यक्ति इस पद पर नहीं पहुंचा था। सिंह ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकनॉमिक्स की डिग्री ली है। अमेरिकी नागरिक बांगा करीब 12 साल तक मास्टरकार्ड इंक का प्रमुख रहने के बाद दिसंबर 2021 में रिटायर हुए थे। वह डेविड मालपस की जगह लेंगे। वैसे उनका पांच साल का कार्यकाल अप्रैल 2024 में खत्म होना था लेकिन इससे पहले ही उन्होंने पद छोड़ने का फैसला किया था।

बांगा को फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजिकल सेक्टर में विशेषज्ञता हासिल है। साथ ही उन्हें बड़े संस्थानों की अगुवाई करने का व्यापक अनुभव है। 63 साल के बांगा को बिजनस में 30 साल से अधिक अनुभव है और वह मास्टरकार्ड में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। साथ ही वह अमेरिकन रेड क्रॉस, क्राफ्ट फूड्स और डाउ इंक के बोर्ड में रह चुके हैं। उन्हें 2016 में उन्हें पद्म श्री से नवाजा गया था। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उनका देश विश्व बैंक के अध्यक्ष पद के लिए अजय सिंह बांगा का नामांकन कर रहा है। उनका कहना था कि बांगा इतिहास के इस नाजुक वक्त में दुनिया की अगुवाई करने की सभी विशेषताएं हैं। अजय अमेरिका की उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ पार्टनरशिप फॉर सेंट्रल अमेरिका के को-चेयर के रूप में काम कर चुके हैं। साथ ही वह Trilateral Commission के भी सदस्य हैं। अजय U.S.-India Strategic Partnership Forum के फाउंडिंग ट्रस्टी होने के साथ-साथ National Committee on United States-China Relations के सदस्य रह चुके हैं। वह American India Foundation के Chairman Emeritus भी हैं।

काम नहीं आया चीन का विरोध
बांगा का वर्ल्ड बैंक का प्रेजिडेंट बनना तय माना जा रहा था। इसकी वजह यह थी कि उनके अलावा किसी और ने इस पद के लिए नॉमिनेशन फाइल नहीं किया था। ऐतिहासिक रूप से वर्ल्ड बैंक की कमान अमेरिका के हाथों में रही है जबकि आईएमएफ का प्रेजिडेंट यूरोपियन होता है। वर्ल्ड बैंक प्रेजिडेंट के लिए नॉमिनेशन भरने की आखिरी तारीख 29 मार्च थी लेकिन किसी ने अपनी दावेदारी पेश नहीं की। चीन को बांगा के नाम पर आपत्ति थी और उसका कहना था कि वह किसी अन्य उम्मीदवार को सपोर्ट कर सकता है। लेकिन बांगा को भारत समेत दुनियाभर के प्रमुख देशों का जबरदस्त सपोर्ट मिला। अमेरिका की ट्रेजरी सेक्रेटरी जेनेट येलेन ने उनका समर्थन करते हुए कहा था कि अगले कुछ महीनों में वर्ल्ड बैंक में अहम बदलाव देखने को मिलेगा। बांगा वर्ल्ड बैंक को 21वीं शताब्दी का चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेंगे। इससे बैंक गरीबी उन्मूलन और विकास लक्ष्यों को हासिल करने में सफल रहेगा।

अजय सिंह बांगा का जन्म महाराष्ट्र के पुणे में एक सिख परिवार में हुआ था। उनके पिता आर्मी ऑफिसर थे, इसलिए उनका बचपन देश के कई शहरों में गुजरा। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के सेंट स्फीफंस कॉलेज से इकनॉमिक्स की डिग्री ली और फिर आईआईएम, अहमदाबाद से एमबीए किया। 1980 के दशक में नेस्ले से जुड़ गए और करीब एक दशक तक कंपनी में विभिन्न पदों पर काम किया। इसके बाद वह पेप्सिको इंक से जुड़ गए और कंपनी को भारत में फास्ट-फूड फ्रेंचाइजी लॉन्च करने में मदद की। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 14 जुलाई 2021 तक अजय बांगा की अनुमानित नेट वर्थ करीब $206 मिलियन डॉलर थी। उनके पास $113,123,489 से अधिक मूल्य के मास्टरकार्ड स्टॉक की 60,000 से अधिक यूनिट्स थी। पिछले 13 साल में उन्होंने 69,986,261 डॉलर से ज्यादा मूल्य के एमए स्टॉक बेचे हैं।

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