अनिल दुजाना के एनकाउंटर पर सवाल उठाने वालों की खैर नहीं! 200 लोगों पर UP पुलिस लेने जा रही बड़ा ऐक्शन

ग्रेटर नोएडा

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना के एनकाउंटर पर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाने वाले अब जांच के दायरे में है। पुलिस ने अनिल के अंतिम संस्कार में जाने वालों में करीब 200 लोगों के सोशल मीडिया अकाउंट्स चिह्नित किए हैं। पुलिस जांच कर रही है कि इन लोगों का संबंध अनिल दुजाना गैंग से तो नहीं है। साथ ही इन्हें बुलाकर जल्द ही पुलिस अनिल दुजाना का स्टेटस लगाने की वजह भी पूछेगी।

पुलिस उनके फोन नंबर की भी डिटेल से जांच करेगी कि कहीं अनिल दुजाना ने इनसे संपर्क तो नहीं किया और उन्होंने किसी तरह से अनिल दुजाना की मदद तो नहीं की। वहीं दूसरी ओर पुलिस अनिल दुजाना गैंग से जुड़े लोगों से भी जल्द पूछताछ करने की तैयारी कर रही है। उनकी संपत्ति और बैंक खातों की भी डिटेल्स जांच की जाएगी। अगर अगर संपत्ति अधिक पाई जाती है तो उसके स्रोत की भी जानकारी हासिल करेगी। पुलिस का कहना है कि अनिल दुजाना के रिश्तेदार और परिवार के लोगों के भी बैंक खातों के बारे में जानकारी जुटाई आएगी। अगर खाते में आय से अधिक रुपये और संपत्ति मिलती है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दुजाना पहनता था बुलेट प्रुफ जैकेट
अनिल दुजाना को अपनी जान की बेहद चिंता रहती थी। सुरक्षा पाने के लिए पुलिस और सरकार को 20 से अधिक पत्र लिखकर भेजे थे। यहां तक कि पेशी पर आने के दौरान भी वह बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर आता था। पेशी पर आने के दौरान वह अनजान लोगों से नहीं मिलता था। बेहद करीबी लोग ही उसके पास जाते थे। भीषण गर्मी में भी वह बुलेटप्रूफ जैकेट नहीं उतारता था।

बड़े बिजनेसमैनों से नहीं लिया कभी पंगा
अनिल दुजाना पर 65 आपराधिक केस दर्ज हैं। इनमें 18 हत्या के केस हैं। उसके क्राइम रेकॉर्ड को देखें तो उसने कभी बड़े बिजनेसमैन से पंगा नहीं लिया। जबकि उसके गांव के आसपास केआरबीएल मील, 100 से अधिक इंडस्ट्री और तमाम बिल्डर प्रॉजेक्ट हैं। उसे अंदाजा था कि बिजनेसमैन से पंगा लेने पर प्रदेश सरकार संज्ञान लेगी और कड़ी कार्रवाई हो सकती है। वह सिर्फ कंपनियों में ठेकेदारों से स्क्रैप और लेबर का ठेका अपने गुर्गों को दिलवाता था। उसके गैंग ने अधिकांश हत्या पड़ोसी गांव के लोगों की ही की। 7 अक्टूबर 2002 में अनिल के गैंग ने राजू निवासी रोजा जलालपुर और हरवीर निवासी सीकरी मोदीनगर की हत्या की। गैंग ने विक्रम सिंह निवासी दादरी एरिया की हत्या की। आनंद उर्फ नंदू निवासी बादलपुर की हत्या की। जयचंद निवासी खेड़ी की हत्या की थी। सोनू उर्फ हरीश खेड़ा धर्मपुरा की हत्या की थी। अशोक निवासी दादरी की हत्या की थी। देवेंद्र निवासी साकीपुर ग्रेटर नोएडा की हत्या की थी। नरेंद्र शर्मा निवासी जुनपत की हत्या की थी। संजीव त्यागी निवासी छपार मुजफ्फरनगर की हत्या की थी।

कैंसर से पीड़ित लोगों की भी दबा दी थी आवाज
दुजाना गांव के आसपास बादलपुर, सादोपुर, अच्छेजा समेत समेत आसपास एरिया में कैंसर से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। इसकी वजह ग्राउंड लेवल वॉटर दूषित होना है। कई कई समाजसेवी संगठनों ने इसके लिए दुजाना गांव के दादी सती मंदिर पर पंचायत कर जिम्मेदार बड़ी कंपनियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया था। यह बात अनिल को पता चली तो उसके गुर्गों ने समाजसेवी संगठनों को वहां से भगा दिया था। साथ ही कंपनियों के खिलाफ आवाज उठाने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। चर्चा है कि धरना खत्म कराने के लिए अनिल दुजाना ने कंपनियों से मोटी रकम ली थी। एक चर्चा यह भी है कि एक किसान नेता ने बिल्डर प्रॉजेक्ट के खिलाफ धरना प्रदर्शन खत्म करने के एवज में लाखों रुपये लिए थे। यह जानकारी जब अनिल को लगी तो किसान नेता से लाखों की वसूली की थी। नेता कई बार अनिल से मिलने जेल भी गया था।

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