19.7 C
London
Saturday, July 5, 2025
Homeराज्यनीतीश कुमार की हेमंत सोरेन से मुलाकात... ‘लाभ कम और नुकसान ज्यादा’,...

नीतीश कुमार की हेमंत सोरेन से मुलाकात… ‘लाभ कम और नुकसान ज्यादा’, बिहार में क्यों उठाना पड़ सकता है खामियाजा

Published on

रांची

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को एकजुट करने पर मिशन पर हैं। इसी क्रम में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस कर वे काफी प्रसन्न नजर आएं। इससे नीतीश कुमार को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमुख विपक्षी नेता के रूप में अपनी छवि बनाने में जरूर एक और बड़ी सफलता मिली। लेकिन बिहार की राजनीति में निजी तौर पर सीएम नीतीश कुमार के लिए यह नुकसानदेह साबित हो सकता है। झारखंड के विभिन्न जिलों में बड़ी संख्या में बिहार के लोग रहते हैं। उन्हें उम्मीद थी कि भाषा का मुद्दा हो या नियोजन और स्थानीयता का मसला हो, जरूरत पड़ने पर बिहार के सीएम के रूप में नीतीश कुमार उनके पक्ष में आवाज जरूरत उठाएंगे। लेकिन जिस तरह से नीतीश कुमार ने हेमंत सोरेन से सिर्फ विपक्षी एकता के मुद्दे पर चर्चा की, उससे उनके समर्थकों में हैरानी के साथ निराशा भी है।

हेमंत सोरेन ने भाषा, स्थानीय और नियोजन को लेकर दिया विवादित बयान
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पूरी पार्टी की राजनीतिक बुनियाद आदिवासी और मूलवासियों के ईद-गिर्द केंद्रित रही है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के चुनावी घोषणा पत्र में भी 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाने का वादा किया गया। हेमंत सोरेन से लेकर उनकी पार्टी के तमाम छोटे-बड़े कई नेता भाषा, स्थानीय नीति और नियोजन नीति को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं। यही कारण है कि जेएमएम को उन क्षेत्रों में काफी कम समर्थन मिलता है, जिस इलाके में आदिवासी और मूलवासियों की संख्या कम हो।

बाहरी लिट्टी चोखा बेचकर बन गए अमीर, आदिवासी आज भी गरीब
झारखंडी और गैर झारखंडी की भावना को उभारते हुए समय-समय पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी विवादित बयान देते रहे हैं। इसी वर्ष जनवरी महीने में एक कार्यक्रम में सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि बाहर से झारखंड में आकर लिट्टी चोखा और गुपचुप बेचने वाले दो तल्ला मकान बना रहे हैं, जबकि यहां के आदिवासी-मूलवासी आज भी गरीब हैं। हेमंत सोरेन यहीं चुप नहीं होते हैं, वे आगे भी कहते है कि जब उनकी सरकार ने स्थानीय नीति बनाई तो यूपी-बिहार के लोगों ने मिलकर कोर्ट में इसे खारिज करा दिया।

हेमंत सोरेन को भोजपुरी और मगही से झारखंड के बिहारीकरण का डर
हेमंत सोरेन को राज्य के बिहारीकरण की भी चिंता सताती रही हैं। कुछ वर्ष पहले उन्होंने कहा था कि झारखंड आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों की छाती पर पैर रखकर और महिलाओं की इज्जत लूटते वक्त भोजपुरी भाषा में ही गाली दी जाती थी। उन्होंने कहा कि ट्राइबल ने झारखंड अलग राज्य की लड़ाई अपनी रिजनल लैग्वेज की बदौलत लड़ी है, न कि भोजपुरी और हिन्दी भाषा की बदौलत। एक इंटरव्यू में हेमंत सोरेन ने कहा था कि मगही और भोजपुरी रिजनल लैग्वैंज न होकर बाहरी लैग्वेंज हैं।

भाषा विवाद की आग में भी झुलसा झारखंड
हेमंत सोरेन के सीएम बनने के बाद झारखंड भाषा विवाद की आग में भी झुलसा। राज्य सरकार की ओर से 24 दिसंबर 2021 को जिला स्तरीय पदों के लिए जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं की सूची जारी की। इस सूची में कई जिलों में भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषा शामिल करने और हटाने के मसले को लेकर कई महीने तक आंदोलन चला। राज्य सरकार ने हिन्दी भाषा को भी हटाने का काम किया था। बाद में सरकार को अपने फैसले से वापस हटना पड़ा।

1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति से लोग आशंकित
सीएम हेमंत सोरेन सरकार की ओर से पिछले वर्ष विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर 1932 खतियात आधारित स्थानीय नीति से संबंधित विधेयक पारित किया गया। जिसे बाद में हाई कोर्ट ने भी खारिज कर दिया। वहीं राज्यपाल ने भी इस विधेयक को वापस कर दिया। इसके बावजूद झारखंड के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले बिहार और उत्तर प्रदेश के मूल निवासियों के मन में अब भी कई तरह की आशंकाएं बनी हुई हैं।

जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो और रांची में बड़ी संख्या बाहरी
राज्य के जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो, पलामू, चतरा, हजारीबाग और रांची समेत अन्य जिलों में बड़ी संख्या में वैसे लोग रहते हैं, जो मूलतः बिहार के रहने वाले हैं। चार-पांच दशक से झारखंड में रहने वाले लोगों का अब भी बिहार में अपने परिवार और गांव के लोगों से संपर्क टूटा नहीं हैं। ऐसे में जब नीतीश कुमार ने हेमंत सोरेन से मुलाकात की, तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता हैं।

Latest articles

Women Health Tips:महिलाओं की सेहत के लिए 7 हेल्दी सुपरफूड्स

Women Health Tips:आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान...

Russia Ukraine War: कीव पर 7 घंटे तक हुई बमबारी, ज़ेलेंस्की ने ट्रंप से की बात, 26 लोग घायल

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 3 सालों से जंग जारी है और अब...

More like this

MP OBC Reservation Update: सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख राज्य सरकार से पूछा- 13% पद क्यों रोके

MP OBC Reservation Update:मध्य प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत आरक्षण...