झारखंड में एयर एंबुलेंस के बाद ‘बोट एंबुलेंस’ की हुई शुरुआत, गंगा नदी में चलेंगी

साहिबगंज,

झारखंड में एयर एंबुलेंस के बाद साहिबगंज में पहली बार बोट एंबुलेंस की शुरुआत हुई है. सोमवार को इसकी शुरुआत राजमहल से सांसद विजय कुमार हांसदा, राजमहल से विधायक अनंत कुमार ओझा और उपायुक्त रामनिवास यादव ने संयुक्त रूप से की.बोट एंबुलेंस की सुविधा शुरू होने से गंगा नदी के दियारा इलाकों में रहने वाले करीब ढाई लाख की आबादी को लाभ होगा. ‘बोट एंबुलेंस’ के उद्घाटन के दौरान अपने संबोधन में डिप्टी कमिश्नर रामनिवास यादव ने बताया कि साहिबगंज जिले में लगभग 83 किलोमीटर एरिया में गंगा नदी बहती हैं.

बाढ़ के दौरान लोगों को मिल सकेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं
मानसून के समय बाढ़ आने पर यह इलाका जलमग्न हो जाता है. इस दौरान इन इलाकों से सड़क संपर्क पूरी तरह से कट जाता है. ऐसी स्थिति में लोगों को स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने में बोट एंबुलेंस वरदान साबित होगी. डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि मानसून के दौरान टीकाकरण सहित तमाम स्वास्थ्य कार्यक्रम ठप पड़ जाते हैं. इसलिए जिला प्रशासन लोगों को सुचारू स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए बोट एंबुलेंस शुरू करने का फैसला लिया है.

विधानसभा में उठाई थी बोट एंबुलेंस की मांग- विधायक
वहीं, राजमहल से विधायक अनंत कुमार ओझा ने बताया कि उन्होंने लगभग दो साल पहले राजमहल एवं साहिबगंज इलाके के गंगा तट से सटे बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोगों के लिए बोट एंबुलेंस की मांग विधानसभा में उठाई थी.

लाइफ लाइन साबित होगी बोट एंबुलेंस- MLA
विधायक अनंत ने आगे कहा कि प्रक्रिया में थोड़ी देरी हुई. मगर, उन्हें खुशी है कि उनकी मांग को पूरा किया गया. गंगा नदी के किनारों पर रहने वाले लोग इसका लाभ उठा सकेंगे. खासकर बाढ़ के दिनों में यह उनके लिए लाइफ लाइन साबित होगी. विधायक ने बोट एंबुलेंस उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया.

डीएमएफटी फंड से हुई है इनकी खरीद – सांसद विजय कुमार
वहीं, सांसद विजय कुमार हासदा ने जिला प्रशासन की इस पहल का स्वागत किया. उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य सेवा में सुधार कराना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है. बोट एंबुलेंस जिला प्रशासन की ओर से डिस्टिक मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी ) के द्वारा खरीदी गई है.एक बोट की कीमत लगभग 29.17 लाख रुपये है. इस तरह से दोनों बोट एंबुलेंस की कुल कीमत 58.34 लाख रुपये है. इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर, मरीजों के लिए केबिन, लैब टेक्नीशियन के साथ कई अन्य सुविधाएं भी हैं.

आपदा की स्थिति में काम आएंगे इसमें लगे दो इंजन
सांसद ने ये भी कहा कि इनकी देख-रेख बोट एंबुलेंस उपलब्ध कराने वाली एजेंसी दो साल तक करेगी. बोट एंबुलेंस पूरी तरह से वातानुकूलित हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, इसमें गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी भी करवाई जा सकती है. बोट एंबुलेंस तमाम तरह की आधुनिक सुविधाओं से लैस है. इसमें दो इंजन लगे हुए हैं, जो आपदा की स्थिति में उपयोग में लाए जा सकते हैं.

 

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