नई दिल्ली,
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस की बड़ी जीत के बाद अब देश में एक नई सियासी बहस शुरू हो गई है. अपनी स्थापना के बाद सबसे खराब दौर से गुजर रही कांग्रेस के लिए इस जीत को संजीवनी की तरह देखा जा रहा है तो वहीं इन परिणामों ने विपक्ष में भी नई जान फूंक दी है. साल 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खिलाफ कांग्रेस की भूमिका को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है.
अगले साल होने वाले आम चुनाव में बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस की भूमिका को लेकर जारी बहस के बीच केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) के स्टेट सेक्रेटरी एमवी गोविंदन ने इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रिया व्यक्त की है. गोविंदन ने कांग्रेस को मजबूत पार्टी बताया था तो वहीं सीएम विजयन ने साफ कहा है कि कांग्रेस अब वो कांग्रेस नहीं रही जो लंबे समय तक देश की सत्ता में रही.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने त्रिशूर जिले के गुरुवायूर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस उतनी मजबूत नहीं रही जितनी पहले थी. कांग्रेस को ये समझना चाहिए. उन्होंने भगवा दल से चुनावी जंग में बीजेपी विरोधी दलों को एकजुट करने के लिए राज्यों के लिहाज से अलग-अलग रणनीति की वकालत की. केरल के सीएम ने ये भी कहा कि हमें जमीन पर बदलते हालात के मुताबिक काम करना चाहिए और कांग्रेस को ये समझने की जरूरत है.
उन्होंने ये भी कहा कि ये समझने की जरूरत है कि अब वो पुरानी कांग्रेस नहीं रही जो देश की सत्ता पर कई साल तक काबिज रही. देश के कई हिस्सों में अब ये कमजोर हो गई है. सीएम विजयन ने आगे कहा कि बीजेपी को आम चुनाव में हराने के लिए प्रैक्टिकल रणनीति ये ही होगी कि भगवा दल के विरोधी सभी दल एकजुट हों और राज्यवार मुकाबला करें.
गोविंदन ने क्या कहा था?
कर्नाटक में सीपीआईएम के स्टेट सेक्रेटरी गोविंदन ने एक दिन पहले कर्नाटक में कांग्रेस की जीत पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. उन्होंने साफ कहा था कि कर्नाटक के चुनाव परिणाम कांग्रेस की वापसी के संकेत नहीं हैं. गोविंदन ने साफ कहा था कि कांग्रेस अकेले अपने दम पर देश को बीजेपी मुक्त नहीं करा सकती.
उन्होंने आगे कहा था कि कांग्रेस भी इस बात का दावा नहीं करती. चेरियन में गोविंदन ने कांग्रेस को देश की सबसे मजबूत राजनीतिक पार्टियों में से एक बताया था और ये भी कहा था कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में आगे आने की जरूरत है. इसे लेकर कोई दो राय नहीं है. गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 135 सीटों पर जीत मिली थी. बीजेपी 66 सीटों पर सिमट गई तो वहीं जेडीएस भी 19 सीटें ही जीत सकी थी.