छोटा राजन के गुर्गे बच्चा पासी के घर पर चला था योगी का बुलडोजर… बहन रीता BJP के टिकट पर बन गई पार्षद

प्रयागराज

उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने अपने दमदार प्रदर्शन से हर किसी को प्रभावित किया है। प्रयागराज नगर निगम में भी पार्टी को बड़ी सफलता मिली है। निगम क्षेत्र का वार्ड नंबर दो इस समय खासी चर्चा में आ गया है। वार्ड 2 सुलेमसराय से अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के गुर्गे बच्चा पासी की बहन रीता पासी ने जीत दर्ज की है। उसकी जीत ने इस कारण भी चर्चा का माहौल गरमा दिया है, क्योंकि भाई के घर पर तीन साल पहले योगी सरकार का बुलडोजर गरज चुका है। जीत के बाद रीता पासी का जलवा देखने लायक था। भाई गैंगस्टर बच्चा पासी के साथ उसने विजय जुलूस निकाला। जुलूस पर रोक के बाद भी दर्जनों लग्जरी गाड़ियों के साथ निकले जुलूस ने सड़कों पर जाम जैसी स्थिति पैदा कर दी।

बच्चा पासी पर हुआ था एक्शन
गैंगस्टर बच्चा पासी के खिलाफ अक्टूबर 2020 में बड़ा एक्शन हुआ था। निहाल कुमार उर्फ बच्चा पासी के धूमनगंज में अवस्थित अवैध निर्माण को पीडीए की टीम ने बुलडोजर से ढाह दिया था। रमन का पुरवा इलाके में इस कार्रवाई की खूब चर्चा हुई थी। बच्चा पासी धूमनगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर रहा है। वह प्रयागराज के वार्ड एक से बसपा का पार्षद भी था। उसका नाम मुंबई के कालाघोड़ा शूटआउट में भी आया था। साल 2006 में कचहरी डाकघर डकैती में उसका नाम आया था। बच्चा पासी पर लूट, डकैती, रंगदारी, गुंडा टैक्स, जानलेवा हमला और हत्या जैसे 38 मामले दर्ज हैं। अकेले धूमनगंज थाने में उस पर 25 केस हैं।

बहन ने सपा प्रत्याशी को हराया
गैंगस्टर की बहन रीता पासी को भाजपा ने वार्ड दो से पार्षदी का टिकट दे दिया था। उसने वहां पर समाजवादी पर्टी की अनीता देवी को मात दी। बच्चा पासी भी नगर निगम की राजनीति में खासा सक्रिय रहा है। वर्ष 2007 में उसने बसपा के टिकट पर पार्षदी जीती थी। वर्ष 2012 में महिला सीट होने के बाद इस सीट पर पत्नी रजिता पासी को लड़ाया। रजिता को जीत मिली। 2017 में बच्चा पासी फिर चुनावी मैदान में उतरा और पार्षद चुना गया। इस बार उसकी बहन ने जीत दर्ज की है।

अतीक कांड का दिखा असर
अतीक अहमद कांड के बाद से प्रयागराज में माहौल बदला दिखा। हालांकि, अतीक के वार्ड यानी चकिया इलाके में सपा को जीत मिली है। प्रयागराज नगर निगम के मेयर सीट पर भाजपा के उमेश चंद्र केसरवानी ने एक लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। हालांकि, नगर निकायों में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर नहीं रहा। फूलपुर नगर पंचायत को छोड़कर 7 नगर पंचायतों में पार्टी हारी। दो पर सपा और 5 पर निर्दलीय चेयरमैन चुने गए हैं।

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