एक बार में बदलवा सकते हैं 2,000 रुपये के 10 नोट, जहां बैंक नहीं वहां क्या होगा?

नई दिल्ली

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2,000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने के फैसले की घोषणा करते हुए बैंकों से तत्काल प्रभाव से ऐसे नोट जारी नहीं करने को कहा है। केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा है कि एटीएम/कैश रिसाइलर को उसी हिसाब से रीकॉन्फिगर किया जाए। रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई ने कहा है कि बैंक एक खाताधारक के एक बार में 20,000 रुपये (प्रति खाताधारक 10 नोट) की सीमा तक 2,000 रुपये के बैंक नोट बदल सकते हैं, ताकि जनता को होने वाली असुविधा कम से कम हो। 2,000 रुपये के बैंक नोटों के एक्सचेंज की सुविधा सभी बैंकों द्वारा अपनी शाखाओं के माध्यम से जनता को प्रदान की जाएगी।

23 मई तक तैयारी कर लें बैंक
आरबीआई ने बैंकों को 2,000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए तैयार होने के लिए 23 मई तक का समय दिया है, जबकि नोटों को बैंक खातों में जमा करना सामान्य तरीके से हो सकेगा। वहीं, बैंकों के बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट को हर खाता धारक के लिए प्रति दिन 4,000 रुपये की सीमा तक 2,000 के नोट बदलने की अनुमति दी जा सकती है। इस उद्देश्य के लिए बैंक अपने विवेक से बीसी की नकदी रखने की सीमा बढ़ा सकते हैं।

जहां बैंक नहीं, वहां क्या होगा?
यह कहा गया है बैंक रहित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को जमा/एक्सचेंज सुविधा प्रदान करने के लिए, यदि जरूरी हो तो बैंक मोबाइल वैन का उपयोग करने पर विचार कर सकते हैं। जन धन योजना खातों/बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट (बीएसबीडी) खातों में 2,000 रुपये के नोटों का मूल्य जमा करते समय आवश्यक परिवर्तनों सहित सामान्य सीमाएं लागू होंगी।

2,000 रुपये की निकासी की अनुमति नहीं
करेंसी चेस्ट (सीसी) रखने वाले बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि सीसी से 2,000 रुपये की निकासी की अनुमति नहीं है। सीसी में रखी गई सभी शेष राशि को अनुपयुक्त के रूप में वगीर्कृत किया जाएगा और संबंधित आरबीआई कार्यालयों को भेजने के लिए तैयार रखा जाएगा।

नोटों की प्रमाणिकता होगी चेक
बैंकों द्वारा प्राप्त सभी नोटों को सटीकता और प्रामाणिकता के लिए एनएसएम के माध्यम से तुरंत सॉर्ट किया जाएगा और लिंकेज योजना के तहत करेंसी चेस्ट में जमा किया जाएगा। या फिर आरबीआई के निकटतम निर्गम कार्यालय को भेजने के लिए तैयार रखा जाएगा। 2,000 रुपये के नोट जमा करने या बदलने की सुविधा आम लोगों के लिए 30 सितंबर तक उपलब्ध होगी। बैंकों को नकद लेनदेन रिपोर्टिंग (सीटीआर) और संदिग्ध लेनदेन रिपोर्टिंग (एसटीआर) आवश्यकताओं, जहां लागू हो, का अनुपालन करना होगा।

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