मॉनसून से पहले बढ़ी टेंशन! देश के इन हिस्सों में होगी सबसे कम बारिश

नई दिल्ली,

मई महीने में भीषण गर्मी अपना तेवर दिखा रही है. एक तरफ सूरज की तपिश और बढ़ते तापमान से राहत के लिए लोग मॉनसून की राह देख रहे हैं तो वहीं किसानों को भी बारिश का बेसब्री से इंतजार है. मौसम विभाग के मुताबिक, इस वर्ष भारत की 19 प्रतिशत आबादी को मॉनसून के दौरान सामान्य से कम बारिश और लगभग 13 प्रतिशत आबादी को सामान्य से अधिक बारिश का सामना करना पड़ सकता है. मौसम विभाग के पूर्वानूमान के मुताबिक, इस बार केरल में मॉनसून देर से दस्तक देगा.

उत्तर और मध्य भारत में सामान्य से कम होगी बारिश
‘साउथ एशियन सीजनल क्लाइमेट आउटलुक फोरम’ (SASCOAF) के अनुसार, उत्तर में सामान्य से कम बारिश होने की 52 प्रतिशत संभावना है. देश के मध्य भागों में सामान्य से कम वर्षा की 40 प्रतिशत संभावना है. वहीं, दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम में सामान्य बारिश होने का अनुमान है.

केरल तट पर देर से पहुंचेगा मॉनसून
मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून के 4 जून को केरल पहुंचने की संभावना है. वहीं, स्काईमेट की मानें तो इस साल मॉनसून 7 जून को केरल पहुंचेगा. स्काईमेट के मुताबिक, एक शक्तिशाली तूफान इस समय भूमध्यरेखा अक्षांश और दक्षिणी प्रायद्वीप में दक्षिण हिंद महासागर की ओर बढ़ रहा है, जिसके चलते मॉनसून लेट हो सकता है. इसके अलावा आईएमडी ने अलनीनो के प्रभाव के चलते इस साल कम बारिश होने की आशंका जताई थी. बता दें कि पिछले कुछ सालों में जब-जब अल नीनो का पैटर्न बना है तब देश के कई हिस्से सूखे में आशंका बढ़ी है.

आ सकती है सूखे की स्थिति
बता दें कि पिछला साल किसानों के लिए काफी नुकसानदायक रहा है. उत्तर-मध्य भारत में किसानों को सूखे की स्थिति का सामना करना पड़ा था. उत्तर प्रदेश के तकरीबन 62 जिले में सूखे की स्थिति देखी गई थी. वहीं, बिहार, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश में कम बारिश के चलते खरीफ की फसलों की बुवाई में लेट हुआ था. इसके चलते खरीफ फसलों के पैदावार में भी कमी दर्ज की गई थी. ऐसे में कम बारिश या लेट मॉनसून के चलते इस बार भी किसानों के नुकसान की आशंका बढ़ गई है.

 

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