‘नई नोटबंदी’ पर कांग्रेस का गणित, 2000 के नोट बदलने में बैंक के होंगे 144 करोड़ मिनट बर्बाद!

नई दिल्ली,

देश भर के बैंकों में चलन से बाहर किए गए 2000 रुपये के नोटों को बदलने की शुरुआत हो चुकी है. लगभग सभी बैंक अपने ग्राहकों को ये सुविधा शुरू होने की जानकारी दे रहे हैं और मंगलवार को पहले दिन बैंकों में लाइनें लगी हुई नजर आईं. अब नोट बदलने की ये प्रक्रिया चार महीने यानी 30 सितंबर तक जारी रहने वाली है. हालांकि, 2016 जैसे हालात नहीं बने हैं, क्योंकि 2,000 के गुलाबी नोटों को सर्कुलेशन से बाहर किया गया है, इसके बावजूद ये लीगल टेंडर बने रहेंगे. यानी तय तारीख तक इन नोटों के जरिए खरीदारी आदि की जा सकेगी. बहरहाल, बैंकों की व्यस्तता जरूर बढ़ गई है और इसी को विपक्ष यानी कांग्रेस ने नया मुद्दा बताते हुए पूरा हिसाब-किताब समझाया है.

कांग्रेस ने नोटों की अदला-बदली को बनाया मुद्दा
कांग्रेस की ओर से प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने 2,000 रुपये के नोटों को बदलने की प्रक्रिया में लगने वाले समय का अनुमान पेश किया है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि आने वाले चार महीने बैंक अपने जरूरी कामों को छोड़कर सिर्फ 2,000 रुपये के बंद किए गए नोटों की अदला-बदली में व्यस्त रहने वाले हैं. कांग्रे प्रवक्ता ने बताया कि 19 मई को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से इन नोटों को सर्कुलेशन के बाहर करने के ऐलान के बाद अब इन्हें बदलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसमें बैंक के करोड़ों घंटे लगने वाले हैं.

‘चार महीने में 2.5 करोड़ घंटे व्यस्त रहेंगे बैंक’
गौरव वल्लभ ने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि देश में करीब 181 करोड़ 2,000 रुपये के नोट बाजार में मौजूद हैं, जिन्हें बदलने के लिए प्रक्रिया शुरू की गई है. अगर एक बार में एक व्यक्ति 10 के बजाय सिर्फ 5 नोट भी बदलता है, तो बैंकों को अगले चार महीने में 36 करोड़ से ज्यादा ट्रांजैक्शंस करने होंगे. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मान लीजिए एक ट्रांजैक्शन में बैंक चार मिनट का वक्त लगता है, तो इन 36 करोड़ ट्रांजैक्शंस में 144 करोड़ मिनट खर्च होने वाले हैं. यानी चार महीनों में लगभग 2.5 करोड़ घंटे बैंक सिर्फ 2,000 रुपये के नोटों की अदला-बदली में लगाएंगे. कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर ये डाटा शेयर किया गया है.

19 मई को आरबीआई ने किया था बड़ा ऐलान
गौरतलब है कि आरबीआई ने पिछले हफ्ते 19 मई 2023 को ‘क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत 2000 रुपये के नोटों को वापस लेने का फैसला किया था. आरबीआई ने बैंकों को 30 सितंबर 2023 तक 2000 रुपये के नोट जमा करने और बदलने की सुविधा दी है. नोटों का एक्सचेंज भी शुरू हो चुका है. सभी बैंकों और रिजर्व बैंक की शाखाओं में इन्हें मंगलवार से बदला जा रहा है. हालांकि, पहले दिन राजधानी दिल्ली में कई इलाकों में 2000 रुपये के नोटों को बदलवाने में अफरा-तफरी का महौल देखने को मिला. हालांकि, आरबीआई के आदेश के अनुरूप ये नोट अभी भी लीगल टेंडर हैं.

एक बार में 10 नोट बदले जा सकेंगे
RBI के मुताबिक, एक बार में कोई भी व्यक्ति 20,000 रुपये तक की सीमा के नोट एक्सचेंज करा सकता है. नोट बदलने की प्रक्रिया को लेकर आरबीआई के निर्देशानुसार सभी बैंकों ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. गौरतलब, 2000 के नोटों को मार्केट से वापस लेने का ऐलान करते समय आरबीआई की ओर से कहा गया था, कि ये नोट फिलहाल लीगल टेंडर बने रहेंगे, साथ ही केंद्रीय बैंक ने सभी बैंकों से नए 2000 रुपये का नोट इश्यू नहीं करने के लिए भी कहा था.

 

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