मोदी साहब, आप पीछे हट जाइए… नई संसद पर असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम से यह कैसी अपील कर दी

नई दिल्ली

संसद की नई इमारत का उद्घाटन 28 मई को होना है। तय कार्यक्रम के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उद्घाटन होगा। विपक्षी दल इसकी मुखालफत कर रहे हैं। कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने साझा बयान जारी कर उद्घाटन समारोह का बायकॉट करने का फैसला किया है। AIMIM इन 19 दलों में नहीं है। जब पार्टी के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को ‘अछूत’ समझा जाता है। ओवैसी ने भी कहा कि पीएम मोदी को संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन नहीं करना चाहिए। ओवैसी ने पीएम मोदी से मांग की कि ‘आप पीछे हट जाइए और स्पीकर ओम बिरला को उद्घाटन करने दें।’ उन्होंने कहा कि अगर पीएम इस बात पर राजी हो जाते हैं तो AIMIM इस समारोह में शामिल होगी। अगर ऐसा नहीं होता तो उनकी पार्टी नहीं जाएगी। ओवैसी ने कहा कि अगर पीएम उद्घाटन करते हैं तो गलत परंपरा पड़ जाएगी।

ओवैसी ने कहा, ‘नए संसद भवन की जरूरत है इसको कोई अस्वीकार नहीं कर सकता लेकिन इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा नहीं होना चाहिए क्योंकि यह शक्ति के पृथक्करण के सिद्धांत के खिलाफ है।’ AIMIM नेता ने कहा कि ‘विपक्षी दलों ने हमारी पार्टी से संपर्क नहीं किया है… उद्घाटन लोकसभा स्पीकर को करना चाहिए क्योंकि वह संसद के अभिरक्षक हैं।

विपक्ष के बहिष्कार पर बोले शाह, हमने सबको बुलाया लेकिन…
कांग्रेस समेत 19 दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्‍कार करने की घोषणा की है। इसपर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारत सरकार ने सबको उपस्थित रहने की विनती की है, हमने सबको बुलाया है लेकिन सब अपनी सोचने की क्षमता के अनुसार रिएक्शन भी देते हैं और काम भी करते हैं।

हरदीप ने दी इंदिरा और राजीव की मिसाल
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने 1975 में पॉर्लियामेंट एनेक्सी बिल्डिंग का उद्घाटन किया था। राजीव गांधी ने भी पीएम रहते हुए संसद की लाइब्रेरी की आधारशिला रखी थी। अगर कांग्रेस के नेता पीएम पद पर रहते हुए ऐसे उद्घाटन कर सकते हैं तो फिर मौजूदा प्रधानमंत्री ऐसा क्यों नहीं कर सकते। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि हरदीप पुरी मामले को उलझाने की कोशिश कर रहे हैं। संसद की लाइब्रेरी और संसद भवन में फर्क होता है। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि क्या मोदी कैबिनेट के मंत्री की यही समझ है कि वह पार्लियामेंट एनेक्सी, लाइब्रेरी और संसद भवन का फर्क नहीं समझ सकते।

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