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Monday, November 3, 2025
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पीएम मोदी ने मन की बात के 101वें एपिसोड को किया संबोधित, वीर सावरकर का किया जिक्र

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नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 101वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने मन की बात के 100वें एपिसोड का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में चाहे वह कोई भी समय हो, दिन हो या रात हो, उन्होंने मन की बात को सुना। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आपने जो मन की बात को लेकर आत्मीयता दिखाई है, वह भावुक करने वाला है और अभूतपूर्व है।

पीएम मोदी ने मन की बात में वीर सावरकर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मेरे प्यारे देशवासियों आज 28 मई को महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर जी की जयंती है। उनके त्याग, साहस और संकल्प शक्ति से जुड़ी गाथाएं आज भी हम सब को प्रेरित करती हैं। मैं वह दिन भूल नहीं सकता जब मैं अंडमान में उस कोठरी में गया था, जहां वीर सावरकर ने काला पानी की सजा काटी थी। वीर सावरकर का व्यक्तित्व दृढ़ता और विशालता से समाहित था। उनके स्वाभिमानी स्वभाव को गुलामी की मानसिकता बिल्कुल भी रास नहीं आती थी। सामाजिक न्याय के लिए भी वीर सावरकर ने जितना कुछ किया, उसे आज भी याद किया जाता है।”

युवासंगम का जिक्र किया
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे देश में देखने के लिए बहुत कुछ है। इसी को देखते हुए शिक्षा मंत्रालय ने ‘युवासंगम’ नाम से एक बेहतरीन पहल की है। इस पहल का उद्देश्य People to People Connect बढ़ाने के साथ ही देश के युवाओं को आपस में घुलने-मिलने का मौका देना।विभिन्न राज्यों के उच्च शिक्षा संस्थानों को इससे जोड़ा गया है। युवासंगम में युवा दूसरे राज्यों के शहरों और गावों में जाते हैं, उन्हें अलग-अलग तरह के लोगों के साथ मिलने का मौका मिलता है। युवासंगम के पहले चरण में लगभग 1200 युवा, देश के 22 राज्यों का दौरा कर चुके हैं।”

योग दिवस को लेकर पीएम मोदी ने बड़ी बात कही। उन्होंने कहा, “21 जून को हम ‘World Yoga Day’ भी मनाएंगे। उसकी भी देश-विदेश में तैयारियां चल रही हैं। आप इन तैयारियों के बारे में भी अपने ‘मन की बात’ मुझे लिखते रहिए। किसी और विषय पर कोई और जानकारी अगर आपको मिले तो वो भी मुझे बताइयेगा।”

पीएम मोदी ने संत कबीर दास को भी याद किया। उन्होंने कहा, “कुछ दिन बाद 4 जून को संत कबीरदास जी की भी जयंती है। कबीरदास जी ने जो मार्ग हमें दिखाया है, वो आज भी उतना ही प्रासंगिक है। संत कबीर ने समाज को बांटने वाली हर कुप्रथा का विरोध किया, समाज को जागृत करने का प्रयास किया।”

 

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