नई दिल्ली,
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की तारीख नजदीक आ रही है. टैक्सपेयर्स अपना आईटीआर भरने की तैयारी में हैं. इस बीच इकोनॉमिस्ट सुरजीत भल्ला ने देश में इनकम टैक्स की दर को कम करने की मांग की है. उनका कहना है कि भारत दुनिया के सबसे अमीर देशों में शामिल नहीं है, लेकिन इसके बावजूद यहां टैक्स कलेक्शन काफी अधिक है. उन्होंने कहा कि ऐसे में भारत में इनकम टैक्स की मौजूदा दर को 40 फीसदी से कम कर 25 फीसदी कर दिया जाना चाहिए. सुरजीत भल्ला ने कहा कि देश की आर्थिक रफ्तार को गति देने के लिए टैक्स दर को घटाना जरूरी है. भारत में इस समय इनकम टैक्स की अधिकतम दर 40 फीसदी करीब है.
टैक्स का कलेक्शन अधिक
सुरजीत भल्ला ने कहा कि हम दुनिया की बहुद अधिक ग्लोबलाइज्ड इकोनॉमी हैं. अगर आप टैक्स स्ट्रक्चर को देखें, तो टैक्स का कलेक्शन काफी अधिक है. लेकिन हम दुनिया की सबसे अमीर इकोनॉमी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र और स्थानीय निकायों का टैक्स कलेक्शन भारत के ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट का लगभग 19 फीसदी है.
भल्ला ने कहा कि हमें इसे दो फीसदी तक कम करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि जहां तक डायरेक्ट टैक्स का संबंध है, मुझे लगता है कि टैक्स की कुल दर 25 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए. सरचार्ज को मिलाकर डायरेक्ट टैक्स की दर 40 फीसदी के आसपास है. सरचार्ज को हटाकर देश में इनकम टैक्स की मैक्सिमम दर 39 फीसदी होती है.
बजट 2023-24 में ‘सुपर रिच’ पर लागू सरर्चाज को कम किया गया था. इसके बाद डायरेक्ट टैक्स की अधिकतम दर 39 फीसदी पर आ गई थी. इससे पहले ये 42.74 फीसदी पर थी. भल्ला का कहना है कि इस मैक्सिमम डायरेक्ट टैक्स रेट को कम कर के 25 फीसदी कर दिया जाना चाहिए.
टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी
सुरजीत भल्ला ने कहा कि हमारे यहां कॉरपोरट टैक्स की दर 25 फीसदी है और यही दर इनकम टैक्स के लिए भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज के एक एक वर्ग को फायदा पहुंचाने की जगह टैक्स को सभी के लिए कम करने की जरूरत है. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत के ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 20 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ था और ये बढ़कर 19.68 लाख करोड़ रुपये हो गया था. इसमें 10.04 लाख करोड़ रुपये का ग्रॉस कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन और 9.60 लाख करोड़ रुपये का आईटी कलेक्शन भी शामिल है.
टैक्स चोरी पर लगेगी लगाम
सुरजीत भल्ला ने आगे कहा कि टैक्स की चोरी को रोकने के लिए डायरेक्ट टैक्स में बदलाव की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स की दर को अधिक रखकर टैक्स चोरी को कम नहीं किया जा सकता. इसलिए टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव की जरूरत है, ताकी इसका लाभ सभी को मिल सके.
न्यू टैक्स रिजीम में बदलाव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2023 पेश करने के दौरान न्यू टैक्स रिजीम में बड़ा बदलाव करते हुए सात लाख रुपये तक की सालाना आमदनी को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया था. लेकिन किसी भी तरह के डिडक्शन का लाभ इसमें नहीं मिलेगा. पुराने टैक्स रिजीम पर 80C के तहत 1,50,000 रुपये तक का डिडक्शन मिलता है.
पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था के बीच मुख्य अंतर यह है कि नई टैक्स रिजीम के तहत आप 80C, 80D और 24B जैसी कटौती का लाभ नहीं उठा सकते हैं. जबकि आप डिडक्शन और छूटों को शामिल कर पुरानी व्यवस्था के तहत ये सभी लाभ ले सकते हैं.